History, asked by shuklasanjiv24, 8 months ago

मेसोपोटामिया की प्रमुख उपलब्धियों का वर्णन कीजिए​

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Answered by anup350
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*मेसोपोटामिया की सभ्यता की विशेषताएं*

_*लेखक :- आनन्द रावत*_

मेसोपोटामिया की सभ्यता के अंतर्गत - सुमेरियन ,बेबीलोन तथा असीरियन की सभ्यताओं का विकास हुआ।

■ मेसोपोटामिया एक *नगरीय सभ्यता* थी। प्रारम्भ में यहाँ नगर राज्य थे परन्तु बाद में सारगन प्रथम , हेम्मूराबी,सारगन द्वितीय,सेनाक्रीब तथा असुर बनीपाल जैसे सम्राटों के काल में विशाल साम्राज्यों की भी स्थापना हुई।

■ मेसोपोटामिया के लोग अपने भोजन में *गेहूँ तथा जौ की रोटी , दूध , दही, मक्खन ,फल* आदि का प्रयोग करते थे।

वे *खजूर से आटा , चीनी, तथा पीने के लिए शराब* तैयार करते थे।

वे लोग *माँस-मछली* का भी सेवन करते थे।

■ वे सूती , ऊनी तथा भेड़ की खाल से बने वस्त्र पहनते थे।

पुरुषों के वस्त्रों में *लुंगी* प्रमुख थी।

उच्च वर्ग की स्त्रियां विलासिता का जीवन व्यतीत करती थी।आभूषणों में *सोने- चाँदी के बने हार,कंगन तथा बालियां* आदि का प्रयोग स्त्रियां पर्याप्त मात्रा में करती थीं।

■ यहाँ के लोग रहने के लिए *पक्की ईटों* के मकान का प्रयोग करते थे।

ईंटें *चिकनी मिट्टी* की बनी होती थी।

■ मकानों का गन्दा पानी निकालने के लिए बनी *नालियां* मोहंजोदडो और हड़प्पा के नगरों के सामान थीं।

मकान की दीवारों पर उभरे हुए चित्र भी बनाये जाते थे।

■ *पर्दा प्रथा* राज-परिवारों तक ही सीमित थी। *दहेज़* का प्रचलन था परन्तु विवाह में पिता से प्राप्त दहेज़ पर वधू का ही अधिकार होता था।

विधवा को पति की सम्पति बेचने का अधिकार था।।

वेश्यावृत्ति और बहुविवाह ( केवल उच्च वर्ग के लिए) भी प्रचलित था।

■ भूमि उपजाऊ होने की वजह से यहाँ के लोगो का *मुख्य व्यवसाय कृषि* था।

गेंहू ,जौ और मक्का की खेती अधिक की जाती थी।

फल और सब्जी की भी खेती होती थी।

सिचाई *नदियों तथा नहरों* द्वारा होती थी।

■ यहाँ के लोगो का दूसरा मुख्य व्यवसाय *पशुपालन* था।

रथ खीचने के लिए *बैल* पाले जाते थे।

■ मेसोपोटामिया के लोगो का भारत और चीन के साथ घनिष्ट व्यापारिक सम्बन्ध थे।

■ सिक्को का प्रचलन न होने की वजह से *चाँदी या सोने के टुकड़े* का प्रयोग विनिमय के लिए होता था।

जल तथा थल लोगो माध्यम से व्यापार होता था।

*बेबीलोन* , पश्चिमी देशो का प्रसिद्ध *व्यापारिक केंद्र*था।

बाद में यहाँ के लोगो ने लेन देन व व्यापार के लिए सिक्के बनाये और नाप तौल के लिए अनेक प्रकार के बांटो का आविष्कार किया।

■ नगर के संरक्षक देवता के लिए नगर के पवित्र क्षेत्र में किसी पहाड़ी या ईटो के बने चबूतरे पर मंदिर का निर्माण किया जाता था। जिसे ' *जिग्गूरात* ' कहते थे|

■ इस सभ्यता के लोग नैतिकपूर्ण जीवन जीते थे।

■ झूठ बोलना, घमण्ड करना, तथा दूसरो के अप्रसन्न करना इत्यादि दुर्गुणों से वे लोग दूर रहते थे।

■ मेसोपोटामिया की सभ्यता द्वारा संसार को दिया गया सबसे बड़ा देन *कीलाक्षर ( कीलाकार) लिपि* है। इस लिपि में *250* से भी अधिक शब्द थे ।

■ प्रारम्भ में इनकी लिपि *चित्रों* पर आधारित थी,जो बाद में *ध्वनि* पर आधारित हो गयी।

■ लिखने के लिए *नरम मिट्टी की बनी तख्तियों पर सरकण्डे की कलम* का प्रयोग किया जाता था। जिन्हें आग में पकाकर सुरक्षित रख दिया जाता था।

इसके साक्ष्य *निनवेह की खुदाई* के दौरान मिले है। जिन पर कहानियां, महाकाव्य , गीतिकाव्य तथा धार्मिक उपदेश संकलित है।

■ गणित के क्षेत्र में उन्होंने सब से पहले 1,10,और 100 के चिन्हों की खोज की थी।

■ इन्होंने *बुध,शुक्र,मंगल,गुरु तथा शनि* ग्रहो का पता लगा लिया था।

■ उन्होंने आकाश के नक्षत्रों को 12 राशियों में बाँट कर उनके नामकरण भी कर दिए थे।

उन्होंने एक पंचांग भी बनाया था और सूर्यग्रहण तथा चंद्रग्रहण के कारणों का भी पता कर लिया था।

और समय देखने के लिए *धूप घड़ी और सूर्य घड़ी* का भी आविष्कार कर लिया था।

■ मेहराबों , स्तंभों और गुम्बदों के निर्माण में भी मेसोपोटामिया के लोगों ने संसार को नई दिशा प्रदान की।

*_चर्चा_*:-

मेसोपोटामिया की सभ्यता विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यता थी या नहीँ , यह एक विवादग्रस्त प्रश्न है।

अधिकांश विद्वानों का मत है कि मेसोपोटामिया की सभ्यता ही सबसे प्राचीन सभ्यता थी ,

जबकि *पेरी* का कहना है कि पृथ्वी पर मिस्र में ही सर्वप्रथम सभ्यता का विकास हुआ और वहाँ से संसार के अन्य लोगों ने सभ्यता सीखी।

*नील नदी की घाटी ( मिस्र की सभ्यता )* और *दजला-फरात की घाटी(मेसोपोटामिया की सभ्यता)* में बहुत सी मुहरें , मिट्टी के बर्तन तथा पशुओँ की मूर्तियां बनाने का काम पहले प्रारम्भ हो चुका था, लेकिन चित्रकला और मूर्तिकला के क्षेत्र में मेसोपोटामिया की सभ्यता मिस्र की सभ्यता से पीछे थी।

पर कौन सी सभ्यता सबसे प्राचीन थी ये कहना कठिन है।

*महत्वपूर्ण तथ्य*

*स्वर्ण काल*- इस काल की अवधि हिम युग के बाद आरम्भ हुई और मनुष्य ने अपने हथियारों तथा आभूषणों के निर्माण का प्रयोग किया।

*ताम्र काल* - साइप्रस तथा सिनाई प्रायद्वीप में सर्वप्रथम मानव के ताम्र(ताँबे) का प्रयोग किया|

*कांस्य काल* - इस काल में ताम्र व टिन मिलाकर प्रयुक्त किये गए , जिसे काँसा( कांस्य) कहा गया| यह काल 4000 से 5000 वर्ष ईसा पूर्व में आरम्भ हुआ ।

*लौह काल* - इस काल में मानव ने लोहे का प्रयोग प्रारम्भ किया था।

यह काल 1500 ईसा पूर्व से प्रारम्भ हुई और आज भी जारी है।

■ कुम्हार के चाक का सर्वप्रथम प्रयोग बेबीलोन में हुआ था

■ संसार में चाँदी के सिक्के चलाने वाला प्रथम राजा हेम्मूराबी था।

■ मेसोपोटामिया में सुमेरियन साम्राज्य का संस्थापक *सारगन प्रथम* था।

■ विश्व की पहली विधि संहिता का निर्माण हेम्मूराबी ने करवाया था।

■ बेबीलोनियनों ने एक पंचांग बनाया था। आज का अंग्रेजी कैलेण्डर बेबिलोनिया के पंचांग पर ही आधारित है।

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धन्यवाद।

Answered by franktheruler
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मेसोपोटामिया की प्रमुख उपलब्धियों का वर्णन निम्न प्रकार से किया गया है

  • मेसोपोटामिया की सभ्यता समृद्धता, गणित , शहरी जीवन , साहित्य तथा खगोल शास्त्र के लिए प्रसिद्ध है।
  • मेसोपोटामिया की सभ्यता में सबसे पहले सुमेरी भाषा तथा उसके बाद " अक्कदी " भाषा व बाद में " अरामाइक " भाषा का प्रचलन हुआ।
  • मेसोपोटामिया की सभ्यता अपने शहरी जीवन, संपन्नता, विशाल तथा समृद्ध साहित्य व खगोल शास्त्र के लिए प्रसिद्ध है ।
  • मेसोपोटामिया की सभ्यता ने संसार को सबसे बड़ी देन कीलाक्षर या कीलाकार लिपि के रूप में दी है।
  • पहले यह लिपि चित्रों पर आधारित थी उसके बाद यह लिपि ध्वनि पर आधारित हो गई।
  • मिसोपोटामिया सभ्यता में सिक्कों का प्रचलन नहीं था, सिक्कों के स्थान पर विनिमय के लिए चांदी व सोने का प्रयोग किया जाता था।
  • मेसोपोटामिया की सभ्यता के लोग झूठ बोलना, घमंड करना , अपराध इन बातों से दूर रहते थे
  • मिसोपोटामिया सभ्यता में लेखन कार्य के लिए नरम मिट्टी की बनी तख्तियों का प्रयोग किया जाता था। कलम के स्थान पर सरकंडे की कलम का प्रयोग किया जाता था।

#SPJ2

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