मेसोपोटामिया के सुरक्षा कम होने के तीन कारण क्या थे
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मेसोपोटामिया की सभ्यता
प्राचीन काल में दजला (टिगरिस) और फरात (यूफ्रेट्स) नदियों के बीच विकसित हुई मेसोपोटामिया की सभ्यता से जुड़ी कई चीजों के साथ हम आज भी जी रहे हैं. इन तस्वीरों के माध्यम से झांकिए उस प्राचीन सभ्यता में.
Explanation:
कितनी पुरानी : दो नदियों दजला और फरात के बीच की धरती पर इंसानी सभ्यता के पहले शहर बसे. ईसा पूर्व चौथी सदी से करीब 3,000 सालों तक मेसोपोटामिया की सभ्यता के सबूत मिलते हैं. ईसा पूर्व पहली सदी आते आते वहां बेबीलोन और निनवे जैसे कई शहर बस चुके थे!
पहला साम्राज्य : आज जहां इराक और सीरिया जैसे देश स्थित हैं उसी धरती पर कभी मेसोपोटामिया सभ्यता हुआ करती थी. वह प्राचीन सभ्यता उत्तरी असीरिया और दक्षिणी बेबीलोनिया में विभाजित थी. फिर इसे निचले स्तर पर भी कई प्रांतों में बांटा गया था. ईसा पूर्व तीसरी सदी से इन छोटे इलाकों को मिलाकर एक साम्राज्य के रूप में साथ लाया गया.
पहली लिखाई : खूबसूरत तारों और फूलों जैसी ये डिजायन असल में इंसान को मिली आज तक की सबसे पुरानी लिखाई है. यह सबसे पुरानी लिखाई कुनीफॉर्म मेसोपोटामिया की सभ्यता के शुरुआत के वक्त यानि ईसा पूर्व चौथी सदी के आसपास की मानी गई है. यह पहले अक्षर थे और इसके बाद आने वाले 3,000 सालों में इन्हीं अक्षरों से दर्जनों नई भाषाओं ने आकार लिया.
पहला राजा : इस सभ्यता में सब कुछ पहला पहला ही था. मेसोपोटामिया के पहले राजा तुकुल्टी-निरूर्ता प्रथम का नाम इस कुर्सी पर खुदा हुआ है. राजा की जिम्मेदारियों में सुरक्षा और शहर की योजनाएं बनाने से लेकर देश में न्याय व्यवस्था बरकरार रखना भी था. पहले लिखित कानून भी यहीं मिले हैं.
कृषि करने वाले पहले लोग : संग्रहकर्ता से शिकारी और फिर किसान और पशुपालक बनने तक का सफर ऐतिहासिक है. इस सभ्यता में इंसान के खेती करने और पशुओं को पालने के पहले साक्ष्य मिलते हैं. उस समय सिंचाई के लिए व्यवस्था भी विकसित की गई और पशुओं के दूध से कई तरह के उत्पाद भी बनने शुरू हुए.
पहला चक्का : ..मेसोपोटामिया में ही बना. चक्के का आविष्कार करने के अलावा इस सभ्यता के लोगों ने अपने हाथों से कई नई चीजें बनाईं. इसके अलावा उन्होंने आग से भी कई तरह के प्रयोग किए. इसी कड़ी में आगे चल कर सिरैमिक, धातु और शीशे का निर्माण हुआ.
अंत : सिकंदर महान ने 331 ईसा पूर्व में मेसोपोटामिया की सभ्यता को नष्ट कर दिया और वहां ग्रीक संस्कृति का प्रचार प्रसार किया. इसी के साथ मेसोपोटामियाई परंपराएं और जीवन दर्शन खो गया. फिर उसे हजार साल बाद फिर से खोद कर निकाला गया और अब इसे लुव्रे म्युजियम में सहेजकर रखा गया है.