में सहायक होंगे।
प्रश्न। निम्रलिखित अपठित गद्यांश को ध्यान से पढ़कर उनकी नीचे दिए प्रश्नों के उत्तर दीजिए। 1x5
शिशु को यदि हम राष्ट्र की अमूल्य निधि के रूप में देखना चाहते हैं तो उसे एक ऐसा आदर्श वातावरण प्रदान
करना पड़ेगा जिसमें निर्बाध गति से उसका विकास हो सके । स्वच्छ, शांत, भयमुक्त और स्वास्थ्यप्रद वातावरण
में ही शिशु की कोमल भावनाएं सुरक्षित रह सकती हैं। शिशु की सुकोमल भावनाओं को आघात पहुंचाना
सामाजिक अपराध है। राष्ट्र का यह पुनीत कर्तव्य है कि वह प्रत्येक बालक को ऐसा वातावरण उपलब्ध करार कि
उसमें हीन भावना ना पनपने पाएं। हीन भावना से ग्रसित शिशु बड़ा होने पर समाज के प्रति अपने कर्तव्य का
सही रूप से निर्वाह नहीं कर सकता।
क.शिशु को राष्ट्र की अमूल्य निधि किस प्रकार बनाया जा सकता है ?
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सहायक होंगे।
प्रश्न। निम्रलिखित अपठित गद्यांश को ध्यान से पढ़कर उनकी नीचे दिए प्रश्नों के उत्तर दीजिए। 1x5
शिशु को यदि हम राष्ट्र की अमूल्य निधि के रूप में देखना चाहते हैं तो उसे एक ऐसा आदर्श वातावरण प्रदान
करना पड़ेगा जिसमें निर्बाध गति से उसका विकास हो सके । स्वच्छ, शांत, भयमुक्त और स्वास्थ्यप्रद वातावरण
में ही शिशु की कोमल भावनाएं सुरक्षित रह सकती हैं। शिशु की सुकोमल भावनाओं को आघात पहुंचाना
सामाजिक अपराध है। राष्ट्र का यह पुनीत कर्तव्य है कि वह प्रत्येक बालक को ऐसा वातावरण उपलब्ध करार कि
उसमें हीन भावना ना पनपने पाएं। हीन भावना से ग्रसित शिशु बड़ा होने पर समाज के प्रति अपने कर्तव्य का
सही रूप से निर्वाह नहीं कर सकता।
क.शिशु को राष्ट्र की अमूल्य निधि किस प्रकार बनाया
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