मासकु ी चान के भरए ऩेड़ ऩय चढ़ने का मह आखखयी औय अनॊतभ भौका था’ रेखखका ने ऐसा तमों कहा होगा ?
Answers
Answered by
2
Answer:
इसमें दुख की क्या बात है। इस प्रकार जीवन की कठिन से कठिन परिस्थिति में भी संतुलन बनाए रखना और अपने मार्ग से विचलित नहीं होना ही धैर्य की पहचान है। यदि हम किसी कारण वश धैर्य खो देते हैं तो परिस्थितियों में कोई बदलाव नहीं होता मगर हमारा विवेक और जीवन जरूर प्रभावित होता है।
Answered by
1
मासकु ी चान के भरए ऩेड़ ऩय चढ़ने का मह आखखयी औय अनॊतभ भौका था’ रेखखका ने ऐसा तमों कहा होगा
Similar questions
Math,
9 days ago
Geography,
9 days ago
Math,
9 days ago
Social Sciences,
18 days ago
Social Sciences,
18 days ago
English,
9 months ago