Hindi, asked by messi9346, 28 days ago

मौसम की पहली बरिश की बूँद मेरे चेहरे पर गिरि essay of 250 words or poem for 70 words please ans fast I will mark as brainleast definitely promise​

Answers

Answered by bhatiamona
1

मौसम की पहली बरिश की बूँद मेरे चेहरे पर गिरि :

मौसम की पहली बरिश की बूँद मेरे चेहरे पर गिरि तब वर्षा ऋतु का एक प्यारा सा अहसास हुआ | बबारिश की पहली बूंद ने मेरी यादे ताजा कर दी | बूंद ने मुझे वह सारे पल याद दिला दिए , जब हम सभी दोस्त बारिश में भीगते थे | बारिश की हल्की-हल्की बूंदों पर नाचते थे |

     मौसम की पहली बरिश की बूँद शरीर को अंदर तक ठंठा कर देती थी | बारिश की बूंद में में एक अलग सा नशा था , जैसे चेहरे में पड़ती थी , वैसे मन में खुशी सी छा जाती थी | बूंद का अहसास आज भी नहीं भुलाया जा सकता |

अधिक गर्मी पड़ने के बाद , बाहर निकल बारिश का इंतजार करना | जैसे ही बारिश की बुँदे चेहरे में पड़ती थी , वैसे ही गर्मी का अहसास चला जाता था | आज भी बारिश को देख कर वो पहले जैसे यादे याद आ जाती है |

Similar questions
Math, 28 days ago