Hindi, asked by dolusahu498, 2 months ago

मुंशी प्रेमचंद

(i) पूस की रात, बड़े घर की बेटी

(ii) भाषा मुंशी प्रेमचंद जी उर्दू से हिन्दी में आए थे; अत: उनकी भाषा में उर्दू की चुस्त लोकोक्तियों तथा मुहावरों के प्रयोग की प्रचुरता मिलती है। मुंशी प्रेमचंद भाषा सहज, सरल, व्यावहारिक, प्रवाहपूर्ण, मुहावरेदार एवं प्रभावशाली है तथा उसमें अद्भुत व्यंजना-शक्ति भी विद्यमान है।

(iii) साहित्य के क्षेत्र में प्रेमचंद का योगदान अतुलनीय है। उन्हाेंने कहानी और उपन्यास के माध्यम से लोगाें को साहित्य से जोड़ने का काम किया, उनके द्वारा लिखे गए उपन्यास और कहानियां आज भी प्रासंगिक हैं।

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Answered by sarveshmesare2
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