Hindi, asked by jangirnikhilseelpur0, 1 month ago

मुंशी प्रेमचंद ने जैनेन्द्र को भारत क्या कहकर महिमामंडित किया है​

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Answered by shishir303
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¿ ‘मुंशी प्रेमचंद’ ने ‘जैनेंद्र’ को भारत का क्या कहकर महिमामंडित किया है ?

 

✎... ‘मुंशी प्रेमचंद’ ने ‘जैनेंद्र’ को भारत का गोर्की कहकर महिमामंडित किया है।

जैनेंद्र जिनका पूरा नाम जैनेंद्र कुमार था, हिंदी साहित्य के एक विशिष्ट साहित्यकार रहे हैं। उन्होंने हिंदी उपन्यास के इतिहास में एक अनूठी परंपरा कायम की। वे हिंदी में मनोवैज्ञानिक कथा साहित्य के जन्मदाता के रूप मे जाने जाते है। जैनेंद्र कुमार का वास्तविक नाम आनंदीलाल था और उनका जन्म 2 जनवरी 1950 को एवं मृत्यु 24 दिसंबर 1988 को हुई। वह उपन्यास और कहानी के क्षेत्र में सिद्धहस्त माने जाते रहे हैं।  

मुंशी प्रेमचंद ने उनको भारत का गोर्की कहकर सम्मान दिया था।  गोर्की यानि मैक्सिम गोर्की रूसी भाषा के एक साहित्यकार थे, जिन्होंने सर्वहारा वर्ग से संबंधित साहित्य की रचना की थी। जैनेंद्र और गोर्की के साहित्य में बेहद समानताएं मिलती हैं, इसी कारण प्रेमचंद ने जैनेंद्र कुमार को भारत का गोर्की कहा था।

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Answered by kumarankit00415
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Explanation:

यह लोग बाजार का बाजार रुजनबढ़ाते हैं बाजार दर्शन पाठ के आधार पर बताइए कि वे लोगों के लिए कहा गया है

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