मुंशी प्रेमचंद्र ने जिनेंद्र को भारत का क्या कहकर महिमामडित किया है
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नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (भाषा) आठ अक्टूबर की तारीख इतिहास में धनपत राय श्रीवास्तव की पुण्यतिथि के तौर पर दर्ज है। लोगों को यह नाम कुछ अनजाना सा लग सकता है, लेकिन अगर कहें कि आठ अक्टूबर 1936 को मुंशी प्रेमचंद का निधन हुआ तो कलम के जादूगर को हर कोई पल में पहचान जाएगा। हिन्दी और उर्दू के महानतम लेखकों में शुमार मुंशी प्रेमचंद को शरतचंद्र चट्टोपाध्याय ने उपन्यास सम्राट कहकर संबोधित किया था। प्रेमचंद ने हिन्दी कहानी और उपन्यास की एक ऐसी परंपरा का विकास किया जिसने पूरी सदी के साहित्य का मार्गदर्शन किया। साहित्य की यथार्थवादी परंपरा की नींव रखने वाले प्रेमचंद का लेखन हिन्दी साहित्य की एक ऐसी विरासत है, जो हिन्दी के विकास की यात्रा को संपूर्णता प्रदान करती है। देश दुनिया के इतिहास में आठ अक्टूबर की तारीख पर दर्ज अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा इस प्रकार है:- 1919 : गांधी जी की यंग इंडिया पत्रिका की शुरुआत।1932 : रॉयल इंडियन एयर फोर्स अस्तित्व में आई।1936 : हिंदी और उर्दू साहित्य को अपने उपन्यासों और लघु कथाओं से समृद्ध करने वाले मुंशी प्रेमचंद का निधन। 1952: हैरो में तीन रेलगाड़ियां टकराने से कम से कम 85 लोगों की मौत। इसे ब्रिटेन में शांतिकाल की भीषणतम रेल दुर्घटना माना जाता है। 1957 : उत्तर पश्चिमी इंग्लैंड में विंडस्केल परमाणु संस्थान में भीषण आग लगने से 16 घंटे में 10 टन रेडियोधर्मी ईंधन पिघल गया।1967 : क्यूबा की क्रांति में बड़ी भूमिका निभाने वाले दक्षिण अमेरिकी छापामार नेता चे गुवेरा को बोलिविया की सेना ने पकड़ लिया और बाद में मौत के घाट उतार दिया। 1979 : देश में कांग्रेस और विशेष रूप से इंदिरा गांधी के खिलाफ विरोध का बिगुल फूंकने वाले जयप्रकाश नारायण का निधन।2001 : इटली में तीस वर्ष के सबसे बुरे असैनिक हादसे में मिलान के लिनाते हवाई अड्डे पर एक वाहन उड़ान भरने को तैयार विमान से टकराया, जिससे विमान में विस्फोट हो गया और 118 लोगों की मौत हो गई।2005 : पाकिस्तान के पश्चिमोत्तर प्रांत और कश्मीर में आए भीषण भूकंप में कम से कम 79,000 लोगों की मौत।2018 : भारत ने जकार्ता पैरा एशियाई खेलों में तीन स्वर्ण पदक सहित कुल 11 पदक जीते।
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Explanation:
जैनेंद्र कुमार का वास्तविक नाम आनंदीलाल था और उनका जन्म 2 जनवरी 1950 को एवं मृत्यु 24 दिसंबर 1988 को हुई। वह उपन्यास और कहानी के क्षेत्र में सिद्धहस्त माने जाते रहे हैं। मुंशी प्रेमचंद ने उनको भारत का गोर्की कहकर सम्मान दिया था।
‘मुंशी प्रेमचंद’ ने ‘जैनेंद्र’ को भारत का गोर्की कहकर महिमामंडित किया है। जैनेंद्र जिनका पूरा नाम जैनेंद्र कुमार था, हिंदी साहित्य के एक विशिष्ट साहित्यकार रहे हैं। उन्होंने हिंदी उपन्यास के इतिहास में एक अनूठी परंपरा कायम की। वे हिंदी में मनोवैज्ञानिक कथा साहित्य के जन्मदाता के रूप मे जाने जाते है। जैनेंद्र कुमार का वास्तविक नाम आनंदीलाल था और उनका जन्म 2 जनवरी 1950 को एवं मृत्यु 24 दिसंबर 1988 को हुई। वह उपन्यास और कहानी के क्षेत्र में सिद्धहस्त माने जाते रहे हैं।
मुंशी प्रेमचंद ने उनको भारत का गोर्की कहकर सम्मान दिया था। गोर्की यानि मैक्सिम गोर्की रूसी भाषा के एक साहित्यकार थे, जिन्होंने सर्वहारा वर्ग से संबंधित साहित्य की रचना की थी। जैनेंद्र और गोर्की के साहित्य में बेहद समानताएं मिलती हैं, इसी कारण प्रेमचंद ने जैनेंद्र कुमार को भारत का गोर्की कहा था।
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