मुंशी प्रेमचन्द जी अथवा हरिशंकर परसाई का साहित्यिक परिचय निम्नलिखित बिन्दुओं
के आधार पर दीजिये।
(i) दो रचनायें
(ii) भाषा-शैली
(iii) साहित्य में स्थान
Answers
मुंशी प्रेमचन्द जी अथवा हरिशंकर परसाई का साहित्यिक परिचय निम्नलिखित बिंदुओं के आधार
मुंशी प्रेमचंद जी का साहित्यिक परिचय निम्नलिखित बिंदुओ के आधार इस प्रकार है :
(i) दो रचनायें
(ii) भाषा-शैली
(iii) साहित्य में स्थान
(i) दो रचनायें
दो बैलों की कथा (कहानी)
गोदान (उपन्यास)
(ii) भाषा-शैली
मुंशी प्रेमचंद की भाषा शैली बेहद सरल एवं सुबोध रही है। उनकी भाषा शैली आम जनमानस से जुड़ी हुई थी। तत्कालीन समाज में जो भाषा सबसे अधिक प्रचलन में थी, मुंशी प्रेमचंद ने अपनी कहानी और उपन्यास में वही भाषा का प्रयोग किया है। वह पहले उर्दू में लिखे थे और उर्दू से हिंदी में आए, इसलिए हिंदी में उनके लेखन कार्य में उर्दू, फारसी के शब्दों का प्रभाव दिखाई पड़ता है। उनकी उनकी कहानियों, उनकी रचनाओं में सरल सहज भाषा का प्रयोग किया गया है। उन्होंने मुहावरेदार भाषा का भी अत्याधिक प्रयोग किया है, जो की कहानी को एक नई विविधता प्रदान करते थे।
(iii) साहित्य में स्थान
मुंशी प्रेमचंद का साहित्य में बेहद ऊंचा स्थान है। उन्हें उपन्यास सम्राट, कहानी सम्राट के नाम से जाना जाता है। आम जनमानस से जुड़ी कहानियों को लिखने की परंपरा की नींव उन्होंने ही डाली। हिंदी कहानियों और उपन्यास के इतिहास में जितना ऊँचा स्थान मुंशी प्रेमचंद का है, उसकी कोई तुलना नही है।