मेश प्रिय खेल badminton
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भूमिका- भारत में शुरू से ही खेलों को बहुत महत्तव दिया गया है। यह पढ़ाई लिखाई में मन लगाने के साथ साथ सामाजिक रूप से उभरने में भी मदद करता है। अक्सर बच्चों को रैकट और शटलकॉक के साथ खेलते हुए देखा जाता है जिसे बैडमिंटन का नाम दिया गया है। यह आजकल के बच्चों का सबसे पसंदीदा खेल है। इसे दो लोगों या फिर दों जोड़ो के बीच में खेला जाता है। एक आयतकार मैदान के बीच में नैट बाँधा जाता है जिसके दोनो तरफ अलग-अलग टीमें खड़ी होती है। दुसरी टीम के पाले में शटलकॉक गिराने पर प्वाइंटस मिलते है जिससे की ज्यादा प्वाइंटस कमाने वाली टीम जीत जाती है। इसमें रैकेट के साथ शटलकॉक जो की चिड़ियाँ के पंखो से बनी होती है को प्रयोग इसलिए किया जाता है क्योंकि यह हल्की होने के कारण आसानी से उड़ सकती है। शटलकॉक को चीड़ी के नाम से भी जाना जाता है। सानिया नेहवाल भारत से बैडमिंटन की बहुत ही अच्छी खिलाड़ी है। इन्होनें बैडमिंटन जगत में बहुत ही नाम कमाया है। बैडमिंटन शारीरिक बल के साथ साथ सुझ बुझ से सतर्क रहकर खेले जाने वाला खेल है। हवा की वजह से भी यह खेल प्रभावित होता है इसलिए ज्यादातर यह अंदर ही खेला जाता है। कभी कभी मनोरंजन के लिए यह बाहर खुले में भी खेला जाता है।
बैडमिंटन का इतिहास– बैडमिंटन का खेल अंगरेजी सैनिकों द्वारा खेला जाता था लेकिन वो शटलकॉक की जगह गेंद का इस्तमाल करते थे। इसकी शुरूआत 19 वीं सदी में हुई थी। सेनावृति के बाद सैनिक इसे अपने साथ इंग्लैंड ले गए और वहाँ पर इसके बहुत से नियम बनाए गए । शुरूआत में कुछ अमीर लोग ऊन के गोले से भी यह खेल खेलते थे। बाद में शटलकॉक ने अपनी जगह स्थापित कर ली। 1934 में बैडमिंटन बहुत से देशों द्वारा अपनाया गया जैसे की कनेडा,चीन आदि। 1936 में भारत भी बैडमिंटन के खेल से जुड़ गया। विश्व बैडमिंटन संघ के द्वारा इस खेल का आयोजन किया जाता है और खेल से जुड़ी सभी बातों का ध्यान रखा जाता है।
आज के दौर में बैडमिंटन– बैडमिंटन का खेल बच्चों द्वारा बहुत ही चाव से खेला जाता है। बहुत से देश बैडमिंटन खेलने के लिए अंतराष्टरीय स्तर पर खिलाड़ीयों को तैयार कर रहें है। पिछले कई सालों से इस खेल में चीन के खिलाड़ीयों ने जीत हासिल की है। लड़कियां का बैडमिंटन की तरफ लड़कों से कहीं ज्यादा लगाव हैं और वो इस खेल में आगे बढ़ने का प्रयास कर रही है। सानिया नेहवाल उनके लिए एक प्रेरणा का माध्यम है।
खेल हमारे मानसिक और शारीरिक विकास के लिए बहुत ही जरूरी है। बैडमिंटन मनोरंजन के लिए खेला जाता है। आजकल स्कूलों में भी खेल को बढ़ावा दिया जाता है। समय-समय पर बहुत सी प्रतियोगता आयोजित की जाती है। बैडमिंटन को हमें अपने जीवन में अपनाना चाहिए क्योंकि यह हमें तंदरूस्त भी रखता है।
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