मिश्र और सुमेर में चकमक और लकड़ी के उपकरण इस्तेमाल होते थे।
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Explanation:
प्राचीन मिस्र, नील नदी के निचले हिस्से के किनारे केन्द्रित पूर्व उत्तरी अफ्रीका की एक प्राचीन सभ्यता थी, जो अब आधुनिक देश मिस्र है। यह सभ्यता 3150 ई.पू.[1] के आस-पास, प्रथम फैरो के शासन के तहत ऊपरी और निचले मिस्र के राजनीतिक एकीकरण के साथ समाहित हुई और अगली तीन सदियों में विकसित होती रही.[2] इसका इतिहास स्थिर राज्यों की एक श्रृंखला से निर्मित है, जो सम्बंधित अस्थिरता के काल द्वारा विभाजित है, जिसे मध्यवर्ती काल के रूप में जाना जाता है। प्राचीन मिस्र नविन साम्राज्य के दौरान अपने चोटी पर पहुँची, जिसके बाद इसने मंद पतन की अवधि में प्रवेश किया। इस उत्तरार्ध काल के दौरान मिस्र पर कई विदेशी शक्तियों ने विजय प्राप्त की और फ़ैरो का शासन आधिकारिक तौर पर 31 ई.पू. में तब समाप्त हो गया, जब प्रारम्भिक रोमन साम्राज्य ने मिस्र पर विजय प्राप्त की और इसे अपना एक प्रान्त बना लिया।
मिस्र और सुमेर में चकमक और लकड़ी के उपकरण इस्तेमाल होते थे।
यह कथन बिल्कुल सही है कि मिस्र और सुमेर में चकमक और लकड़ी के उपकरण इस्तेमाल होते थे।
व्याख्या :
इतिहासकारों के अनुसार मिस्र और सुमेर में चकमक और लकड़ी के उपकरणों का इस्तेमाल किया जाता था। यहाँ के लोग मुख्यतः रबी की फसल उगाते थे। यहाँ की खुदाई में कपास, गेहूं, जौ, सरसों और चने की फसलों के सबूत मिले हैं। यहाँ खुदाई में चकमक और लकड़ी के उपकरणों के अवशेष प्राप्त हुए हैं, जिससे पता चलता है कि मिस्र लोग चकमक और लकड़ी के उपकरणों का इस्तेमाल करते थे और रबी कि फसल की खेती किया करते थे। यह सभ्यता का तर युग था, जो धीरे-धीरे सूखे में परिवर्तित होता गया।
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