मुंशी वंशीधर ने अपना मित्र और पथ प्रदर्शक किसे बनाया
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HELLO DEAR,
GIVEN:- मुंशी वंशीधर ने अपना मित्र और पथ प्रदर्शक किसे बनाया ।
ANSWER:-
यह प्रश्न ' नमक का दरोगा '
कहानी से लिया गया है जिसके रचयिता मुंशी प्रेमचंद्र जी हैं।
यह कहानी धन के ऊपर धर्म की जीत की है।कहानी में मानव मूल्यों का आदर्श रूप दिखाया गया है और उसे सम्मानित भी किया गया है।
मुंशी वंशीधर एक ईमानदार और कर्तव्यपरायण व्यक्ति हैं जो समाज में ईमानदारी और कर्तव्य निष्ठा की मिसाल कायम करता है।इस बुराइयों से भरे हुए युग में अपने आप को दूर रखने के लिए वंशीधर धैर्य को अपना मित्र ,बुद्धि को अपने पथप्रदर्शक और आत्मिकवलंबन को ही अपना सहायक मानते हैं।
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मुंशी वंशीधर ने अपना मित्र और पथ प्रदर्शक किसे बनाया :
मुंशी वंशीधर ने धैर्य को अपना मित्र, बुद्धि को अपना पथ प्रदर्शक और आत्मावलम्बन को अपना सहायक बनाया था।
मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखित ‘नमक का दरोगा’ कहानी में मुंशी वंशीधर एककर्तव्यनिष्ठ और ईमानदार दरोगा थे। जिन्होंने पंडित अलोपीदीन के भ्रष्टाचार के सामने हार नहीं मानी और ईमानदारी से अपने कर्तव्य को निभाया। इस कारण उन्हें अपने पद से भी हाथ धोना पड़ा, लेकिन उन्होंने अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया।
जब मुझे बंशीधर की दरोगा की नौकरी लगी थी तो उनके पिता ने उन्हें ऊपरी कमाई करने का सुझाव दिया था, लेकिन मुंशी वंशीधर ईमानदार और अपने सिद्धांतों के पालन करने वाले थेष उनके लिए धैर्य उनका मित्र, बुद्धि उनकी पथ प्रदर्शक और आत्मावलंबन उनका सहायक था। उन्होंने अपने दरोगा पद पर ऊपरी आय और रिश्वतखोरी जैसे कार्य नही किये और ईमानदारी से अपना कर्तव्य पालन किया।