History, asked by renuverma1659324, 3 months ago

मिशन प्रेरणा की शुरुआत कब की गई थी​

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Answered by Divyanshunawal
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Answer :

राज्य स्तर पर चयनित एसआरजी की पहली कार्यशाला 4-7 नवम्बर की अवधि में लखनऊ में सम्पन्न हुई ।

Explanation:

बच्चों के सीखने में सुधार के लिए कक्षा प्रक्रियाओं और शिक्षक के प्रदर्शन में सुधार होना जरूरी है और शिक्षक प्रदर्शन में सुधार के लिए उनकी मानीटरिंग और सपोर्ट से जुड़ी संस्थाओं, समूहों के प्रदर्शन में सुधार लाना होगा । इसके लिए हर स्तर पर प्रेरणा और प्रोत्साहन पहली आवश्यकता होती है।

कार्यशाला के दौरान अलग-अलग कक्षों में सत्र संचालन की तैयारी करते हुए एसआरजी

इसी संकल्पना से उत्तर प्रदेश की प्रारम्भिक शिक्षा में सुधार के लिए इस वर्ष से प्रोजेक्ट टेलोस लागू किया जा रहा है । इस प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन के लिए प्रदेश स्तर पर राज्य सन्दर्भ समूह (SRG) और जिलों में एकादमिक सन्दर्भ समूह (ARG) का गठन किया गया है । राज्य स्तर पर चयनित एसआरजी की पहली कार्यशाला 4-7 नवम्बर की अवधि में लखनऊ में सम्पन्न हुई । इस कार्यशाला में प्रोजेक्ट के विविध पहलुओं- सीखने की प्रक्रिया, विविध विषयों के शिक्षण तरीके, लर्निंग आउटकम, शिक्षक प्रदर्शन मानक, अकादमिक सन्दर्भ समूह के प्रदर्शन मानक जैसे मुद्दों पर प्रतिभागियों के साथ चर्चा-विमर्श करते हुए कॉमन समझ बनाने का प्रयास हुआ । साथ ही साथ एसआरजी सदस्यों के कौशल विकास के लिए शिक्षण के लिए गतिविविधयों और प्रशिक्षण के सत्रों के संचालन के अभ्यास सत्र भी आयोजित किए गए। जहां प्रतिभागियों ने चयनित टॉपिक पर आधारित गतिविधियों, प्रशिक्षण सत्रों का प्रस्तुतीकरण किया और एक-दूसरे की प्रस्तुति पर फीडबैक देते हुए उनमें वांछित सुधार के अभ्यास किए ।

कार्यशाला के तीसरे दिन महानिदेशक स्कूली शिक्षा और निदेशक समग्र शिक्षा उत्तर प्रदेश श्री विजय किरण आनन्द ने प्रतिभागियों के बीच उपस्थित होकर उनका मार्गदर्शन और उत्साहवर्धन करते हुए मिशन प्रेरणा के विविध पहलुओं के बारे में विस्तार से समझाया ।

कार्यशाला की एक विशेष बात यह रही कि हर दिन के अन्त में प्रतिभागियों के सीखने और समझ का आंकलन दो तरीकों से किया जाता रहा । पहला आनलाईन वोटिंग और दूसरा मोबाईल आधारित टेस्ट । हर एक प्रतिभागी दिए गए लिंक पर उपलब्ध प्रश्नावली का उत्तर भरा और उनको वोटिंग के नतीजे तुरन्त की प्रदर्शित किए गए। जबकि दिए गए लिंक पर स्व आकलन की प्रश्नावली को पूरा कराते हुए उनको कंसोलिडेट किया गया और अगले दिन की कार्यशाला में उस आधार पर इनपुट के स्वरूप में बदलाव किया जाता रहा ।

कार्यशाला में आनलाईन वोटिंग और मोबाईल आधारित स्वआकलन करते प्रतिभागी

कार्यशाला के आख़री दिन हर प्रतिभागी को कुछ टास्क दिए गए । ये टास्क अपने स्कूल में कम से कम 12 प्रकार की गतिविधियां करना, 5 शिक्षक को बदलना, एक एसएमसी से बात करना और अपने जिले के शैक्षिक परिदृश्य की समझ के लिए उपलब्ध आंकड़ों का विश्लेषण करना आदि थे । प्रतिभागियों के स्वविकास के लिए भी उनको समयबद्ध योजना बनवाई गई ।

कार्यशाला में प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन करते महानिदेशक स्कूली शिक्षा और निदेशक समग्र शिक्षा उत्तर प्रदेश श्री विजय किरण आनन्द

कार्यशाला का संचाालन इग्नस पहल टीम के सुुबीर शुुुुक्ल, सुरेन्द्र प्रसाद सिंह, तुषार तम्हाणे, दीप्ति श्रीवास्तव, गुरजोत सिद्धू, मुकेेेश भार्गव, अवनीश यादव और सुदर्शन यादव ने किया । कार्यशाला के आयोजन में युनिसेफ और समग्र शिक्षा उत्तर प्रदेश की टीम शिखा शुक्ला विशेषज्ञ गुणवत्ता प्रकोष्ठ, फूूल मोहम्मद अंंसारी सलाहकार गुणवत्ता प्रकोष्ठ और शुभ्रांशु उपाध्याय सलाहकार एससीईआरटी का विशेष योगदान रहा ।

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