Hindi, asked by likin90, 7 hours ago

मात्भूमि के स्वरूप का वर्णन कीजिए​

Answers

Answered by singhpriyanka75416
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Answer:

प्रस्तावना:

हर किसी के जीवन में अपने मातृभूमि का विशेष महत्व होता हैं | अगर हम अपनी मातृभूमि के बारे में बताना चाहे तो जितना बताएँगे उतना कम हैं | किसी भी देश की मातृभूमि यह स्वर्ग से भी महान होती हैं |

इसलिए ऐसा कहा गया हैं की – ‘जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी’ अर्थात माँ और जन्मभूमि यह स्वर्ग से बढ़कर होते हैं क्योंकि स्वर्गलोक यह काल्पनिक हैं परन्तु हम सभी को अपने मातृभूमि का सुख जीवन में मिलता हैं |

हर एक व्यक्ति का जन्म जहाँ पर होता हैं, वह उसकी मातृभूमि होती हैं | उसे अपनी मातृभूमि बहुत प्यारी लगती हैं | उसी तरह भारत यह मेरी मातृभूमि हैं |

मातृभूमि का अर्थ –

जिस व्यक्ति का जन्म जहाँ पर होता हैं और उस भूमि की गोद में पलकर बड़ा होता हैं और उसे अपनी माँ के समान मानता हैं उसे उसकी ‘मातृभूमि’ कहा जाता हैं |

हर किसी को अपने मातृभूमि से बहुत प्यार होता हैं | उसी तरह यह भारतभूमि हमारी माँ हैं और सब सभी उसकी संताने हैं |

महापुरुषों की भूमि

भारत यह मातृभूमि अन्य कला, संस्कृति और साहित्य से परिपूर्ण हैं | इस भूमि को ऋषी – मुनियों और संतों की भूमि मानी जाती हैं | इस मातृभूमि (भारत) पर बहुत सारे महान पुरुषों का जन्म हुआ हैं |

जैसे कि महात्मा गांधी, अशोक सम्राट, लोकमान्य तिलक, जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल इन सभी ने भारत देश को शानदार बना दिया हैं |

सभ्यता

हमारा भारत देश यह एक पुरानी सभ्यताओं में से एक हैं | इस देश की संस्कृति और सभ्यता सबसे प्राचीन हैं | इस भारतभूमि पर मोहेंजोदड़ो और हडप्पा संस्कृति का उद्यम हुआ हैं |

Explanation:

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Answered by shivamkumar29082008
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मातृभूमि अमरों की जननी है।उसके हृदय में गांधी,बुद्ध और राम समायित हैं।माँ के एक हाथ में न्याय पताका तथा दूसरे हाथ में ज्ञान दीप है।

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