Hindi, asked by taher7247, 18 days ago

मातृभूमि कविता का केन्द्रीय भाव अपने शब्दों में लिखिये ।​

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Answered by BaroodJatti12
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राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त ने मातृभूमि में अपनी मातृभूमि की महत्ता एवं उसके प्रति अपने प्रगाढ़ प्रेम का ऋणस्वीकारी-भाव चित्रण किया है। ‘शेवफन-सिंहासन’ पर बैठे हुए अपनी मातृभूमि कवि को ‘सर्वेश की सगुण मूर्ति लगती है, वह इस पर बलि बलि जाता है— बलिहारी जाता है जो पृथ्वी पर पैदा होते ही नवजात को सहारा देती हैं, ममतापूर्वक अपनी गोद में लेकर उसकी रक्षा करती है और जो अपनी जननी की भी पालनहार है, उस मातृभूमि पृथ्वी से यह पूज्यभाव से ‘मातामही’ के रूप में अपना अटूट रिश्ता जोड़ता है।

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