Hindi, asked by dyjafranco, 8 months ago

मातृभूमि कविता में कवि ने मातृभूमि का वर्णन किस प्रकार किया है​

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Answered by shishir303
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‘मातृभूमि’ कविता में कवि ने मातृभूमि को सगुण साकार मूर्ति का रूप देते हुए वर्णन किया है। कवि के अनुसार मातृभूमि को भारत माता संबोधित करते हुए सिंहासन पर आरूढ़ एक देवी के रूप में चित्रित किया है।

कवि के अनुसार मातृभूमि से केवल एक भूमि का टुकड़ा ही नहीं बल्कि साक्षात साकार देवी स्वरूपा मूर्ति है। यह हरी भरी धरती के ऊपर नीला आकाश रूपी वस्त्र है और इसके सिर पर दिन को सूर्य और रात को चंद्रमा रूपी मुकुट सुशोभित है। समुद्री जिसकी करधनी है, फूल और तारे जिस के आभूषण हैं। नदियां जिसका प्रेम-स्नेह रूपी प्रवाह हैं। सारे पक्षीगण जिसकी स्तुति-वंदना करते हैं। बादल पानी बरसाकर जिस मातृभूमि का निरंतर अभिषेक करते रहते हैं। ऐसी साक्षात देवी स्वरूपा मातृभूमि भारत माता को साक्षात नमन।

इस तरह कवि ने मातृभूमि को माँ सदृश्य देवी का रूप प्रदान करते हुए वर्णन किया है।

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Answered by kamleshray7897
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मातृभूमि कविता किस परिपेक्ष में लिखी गई

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