"मातृभूमि तुम्हें नमन" पर निबंध ।
उपरोक्त लगाव पढ़ें।
ऊपर वाले आसक्ति (attachment) पढ़े ।
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Answer:
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Explanation:
भारत हमारी मातृभूमि है। यह हमारी मां के समान है और हमें प्राण से भी प्रिय है। हमें अपने भारत पर गर्व है। साथ ही ऐसे देश का नागरिक होना अपने आप में गौरवान्वित करता है। यह देश सभ्यता और संस्कृति का धनी है। यहां महिलाओं को माता व देवियों के समान पूजा जाता है जो किसी अन्य देश में देखने को नहीं मिलता है। शांति सछ्वाव और प्रेम का हमेशा अग्रदूत रहा है भारत। यहां एक से बढ़कर एक राजनेता, ऋषिमुनी ने जन्म लिया। यहां तक कि देवी देवताओं का अवतार भी इसी देश में हुआ। ऐसे में इस देश का नागरिक होना कितनी सम्मान की बात है। आप स्वत: महसूस कर सकते हैं। यहां की जलवायु और मौसम भी काफी रोचक है। साथ ही सभी धर्म व संप्रदाय के लोग एक साथ रहते हैं। यहां विभिन्नता में एकता पायी जाती है।हमारे देश के संविधान में सबको समान रूप से जीने का अधिकार दिया है। विश्व के किसी भी देश के नागरिक को अपने राष्ट्र के प्रति समर्पित रहना चाहिए। जो नागरिक शब्द की सार्थकता को प्रमाणित करता है। प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होता है कि वह देश की एकता एवं अखंडता के लिए हर संभव प्रयास करे और लगातार ईमानदारी एवच् सच्चाई पूर्वक अपने कर्तव्यों का पालन करे। तभी एक देश सफल राष्ट्र के रूप में उभरकर सामने आयेगा। जो विश्व की महाशक्ति की ओर अग्रसर होगा। आदर्श नागरिक अपने प्राप्तियों से समाज और देश को लाभांवित करने का प्रयास करता है जब वह अपने गुणों और सामर्थ्य से समाज और देश का भला करने लगता है तब हमारी नागरिकता की प्रतिष्ठा और प्रतिभा को चार चांद लग जाते है।
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Explanation:
भारत हमारी मातृभूमि है। यह हमारी मां के समान है और हमें प्राण से भी प्रिय है। हमें अपने भारत पर गर्व है। साथ ही ऐसे देश का नागरिक होना अपने आप में गौरवान्वित करता है। यह देश सभ्यता और संस्कृति का धनी है। यहां महिलाओं को माता व देवियों के समान पूजा जाता है जो किसी अन्य देश में देखने को नहीं मिलता है। शांति सछ्वाव और प्रेम का हमेशा अग्रदूत रहा है भारत। यहां एक से बढ़कर एक राजनेता, ऋषिमुनी ने जन्म लिया। यहां तक कि देवी देवताओं का अवतार भी इसी देश में हुआ। ऐसे में इस देश का नागरिक होना कितनी सम्मान की बात है। आप स्वत: महसूस कर सकते हैं। यहां की जलवायु और मौसम भी काफी रोचक है। साथ ही सभी धर्म व संप्रदाय के लोग एक साथ रहते हैं। यहां विभिन्नता में एकता पायी जाती है।
हमारे देश के संविधान में सबको समान रूप से जीने का अधिकार दिया है। विश्व के किसी भी देश के नागरिक को अपने राष्ट्र के प्रति समर्पित रहना चाहिए। जो नागरिक शब्द की सार्थकता को प्रमाणित करता है। प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होता है कि वह देश की एकता एवं अखंडता के लिए हर संभव प्रयास करे और लगातार ईमानदारी एवच् सच्चाई पूर्वक अपने कर्तव्यों का पालन करे। तभी एक देश सफल राष्ट्र के रूप में उभरकर सामने आयेगा। जो विश्व की महाशक्ति की ओर अग्रसर होगा। आदर्श नागरिक अपने प्राप्तियों से समाज और देश को लाभांवित करने का प्रयास करता है जब वह अपने गुणों और सामर्थ्य से समाज और देश का भला करने लगता है तब हमारी नागरिकता की प्रतिष्ठा और प्रतिभा को चार चांद लग जाते है
दुनिया का कोई भी ऐसा देश नहीं है जहां इतनी विविधता हो। यहां तकरीबन हर धर्म के मानने वाले लोग है। फिर भी एक चीज है जो हम सबको बांधे है और वह देखने की नहीं महसूस करने की चीज है। तभी तो किसी रचनाकार ने कहा है कि यह भारत हमारी जन्मभूमि है। भारत हमारा वतन है। इस भारत में जन्म लेकर धन्य हुआ है हमारा जीवन। यहां की शहरों का दिन मंदिरों की घंटियों के साथ शुरू होता है तो अजान की गूंजों के साथ शाम ढ़लती है। इस देश ने दुनिया को वह सूरज दिया है। जिसकी रोशनी से पूरी दुनिया रोशन हुई और वह विश्व में मून आफ द कंट्री कहलाया।
अपना घर अपना देश तो सब रोशन करते हैं लेकिन संसार को रोशन करने वाले विरले ही मिल पाते हैं। तात्पर्य यह कि उपरोक्त पंक्तियों में जिस विभूति का उल्लेख किया गया है। उस जैसे विभूति के देश में रहना ही अपने आप में गर्व की अनुभूति का बोध कराता है। हमारे देश में बहुत सी ऐसी विचित्र बाते देखने को मिल जायेंगी जो शायद ही कहीं और देखने को मिले। बहुत से लुटेरे आये और हमें लूटे, पर लूटे तो क्या लूटे, चंद सिक्के और हीरे-जवाहरात। हमारी बोधि वृक्ष को आंच तक नहीं आयी। हमारा ताजमहल अपना सीना ताने जहां था वहीं अड़ा रहा। हम सभ्यता के धनी पहले भी कहलाए और आज भी हैं।
अपनी इस विशाल और धनी सभ्यता संस्कृति के बल पर यह कह सकते हैं कि हम सब भारतीय हैं। हमारी इसी सभ्यता की गूंज राष्ट्र संघ में भी सुनाई दी, दीपावली की रोशनी के रूप में। एक भारतीय होने के नाते भारत माता को सौ-सौ बार नमन।
हमारा देश जो कि अनेक भाषा, अनेक जाति का देश होते हुए भी हम एक सूत्र में बंधे हैं। हमारे यहां अनेकों धर्म है फिर भी हम एक हैं। हर किसी को बोलने की आजादी जो की किसी देश में बहुत कम मिलता है। हमारे देश में लोकतंत्र का तरीका जो कि सभी नागरिकों को सामान बनाता है। यहां का मौसम हमारे देश को सदाबहार बनाता है। यहां पर ईद हो या दीपावली सभी एक साथ मनाते हैं। इस कारण हमें भारत का नागरिक होने का गर्व होता है। यहां पर आने वाले को अतिथि देवो भव: बोला जाता है। इसपर गर्व होता है तथा हममें परोपकार की भावना रहती है।
हमें भारत का नागरिक होने पर गर्व है। क्योंकि भारत विश्व में शांति और सछ्वावना का अग्रदूत रहा है। यहां बड़े-बड़े राजनेता, वैज्ञानिक तथा कलाकार पैदा हुए। जिन्होंने भारत का सम्मान बढ़ाया है। यहां अनेक जाति-धर्म को मानने वाले लोग रहते हैं। लेकिन फिर भी यहां एकता और प्रेम व्याप्त है। यहां की रहन-सहन, वेश-भूषा सब अलग है। फिर भी सब मिल जुलकर रहते हैं। अपने देश की समृद्धि एवं विविधताओं से विभूषित परंपराओं पर मुझे गर्व है। मैं हमेशा प्रयत्न करूंगी कि उन परंपराओं को सफल व अनुशासी बनाने की हमें क्षमता प्राप्त हो। मुझे गर्व है कि मैंने इस पावन धरती पर जन्म लिया है । जहां सभी नागरिकों को समान अधिकार प्राप्त है। यहां कलाकारों का सम्मान किया जाता है। मैं अपनी जन्मभूमि से बहुत प्यार करती हूं।
हमारा देश सुंदर है। हचरे देश में पर्यावरण अच्छा है। हमारे देश में बहुत सारी भाषाएं बोली जाती है तथा बहुत सारे धर्म हैं फिर भी हम सब मिल जुलकर रहते हैं। हमारा देश अ¨हसावादी है। खेल और नाटक कलाकारी में विश्व विख्यात है जिससे हमको गर्व होता है। हमारे देश में सबको बोलने का अधिकार है। हर शहर में अलग-अलग भाषाएं बोली जाती है ¨कतु हमारे देश में राष्ट्रीय भाषा एक है। इसलिए भारत का नागरिक होने पर हमें गर्व है।
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