Hindi, asked by ap1767862, 4 months ago

१] मैं तो बस जानता हूँ______​

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Answered by eviln7
3

Answer:

आज बस लौट जाना चाहता हूँ,

अब सकुन चाहता हूँ,

सिकायत नहीं है अब किसी से मुझे

क्यो कि अब मैं रिहाई चाहता हूँ,

आज बस लौट जाना चाहता हूँ,

क्या करोगे हिसाब करके मेरे दर्द का?

अब याद भी नहीं होगा किसीको सब्ब मेरे मर्ज का

तो क्या करोगे हिसाब करके मेरे दर्द का?

डर अब अंधेरी रातों से नहीं लगता

क्यो कि रातें अपनी आगोश में सुला देतीं हैं,

डर रोशनी के किरनों से लगता है

क्यो कि रोशनी साफ़ साफ़ दिखा देतीं हैं,

तुम पूछोगे तुम्हे किस बात का दर्द है

पर अब मैं इन सवालों को सुनना ही नहीं चाहता,

क्योकि समझाना मुझे आता नहीं

और खामोशी तुम समझ नहीं पाओगे,

तो फिर दर्द कैसा,किसने और कितना दिया

अब मैं सोचना ही नहीं चाहता,

यह कविता क्या होती हैं मुझे नहीं पता

नज़्म क्या होती हैं मैं नहीं जानता,

मैं लिखता हूँ जब कुछ कहना चाहता और कह नहीं पाता

कुछ सुनना चाहता हूं परन्तु आवाज नहीं होती,

सोना चाहता हूं परन्तु नींद नहीं होती

रोना चाहता हूं परन्तु आंशु नहीं होते,

मुझे नहीं पता लिखावट के कायदे

मन बहलाने वाली सारी कवायदें,

मैं लिखता हूँ जब खुद से दूर जाना चाहता हूँ

मैं लिखता हूँ जब खुद के आगे हार जाना चाहता हूँ,

मैं बस अब ठहर जाना चाहता हूँ,

मैं बस अब रिहाई चाहता हूँ...!

- अमित राज यादव

Answered by Aarohishrma
3

Answer:

I only know about this okk

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