मोट,चून मैदा भया काभाव क्या है
Answers
Answered by
9
Answer:
अर्थ सहित व्याख्या
कबीरदास कहते हैं कि हे मानव! सम्प्रदाय के आग्रहों को छोड़कर मध्यम मार्ग को अपनाने पर काबा काशी हो जाता है और राम रहीम बन जाते हैं। सम्प्रदायों की रूढ़ियाँ समाप्त हो जाती हैं। भेदों का मोटा आटा अभेद का मैदा बन जाता है। हे कबीर! तू इस अभेद रूपी मैदे का भोजन कर, स्थूल भेदों के द्वन्द्व में न पड़।
Similar questions
Math,
3 months ago
Science,
3 months ago
Hindi,
3 months ago
Biology,
7 months ago
Math,
7 months ago
Geography,
11 months ago
Computer Science,
11 months ago
Environmental Sciences,
11 months ago