माता के अंचल पाठ कर सभी पात्रों का चरित्र चित्रण कीजिये
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नमस्कार !!
" माता का आंचल " शिवपूजन सहाय द्वारा गया हैं , जो उनके प्रसिद्ध उपन्यास " देहाती दुनिया " से लिया गया हैं ।
इसमें लेखक ने ग्रामीण जीवन का एक अनोखा चित्रण किया है । लेखक जिसका पिता से उसका बहुत लगाव था । उसका पिता उसे नहला कर अपने कंधे पर बिठाता और सवारी कराता था ।
लेखक की माँ भी उससे बहुत प्यार करती थी । एक बार जब लेखक साँप से डर जाता तथा जब माँ के आंचल में छिप जाता , तो उसके माँ और पिता बहुत चिंतित हो जाते यहाँ तक कि वे भावुक भी हो जाते ।
उपयुक्त कथन से स्पष्ट हैं कि लेखक के माता और पिता उसे बहुत प्यार करते थे ।
वर्तमान समय =》
यदि हम उस समय की तुलना वर्तमान समय से करें तो हमें अविश्वसनीय अंतर देखने को मिलेंगे ।
1 ) = माँ के आंचल पाठ में दिखाया गया हैं कि पिता अपने बच्चे को अपने कंधे पर सवारी कराता था । इस आशा में कि यही उनके बुढ़ापे में अंधे की एक मात्र लकड़ी हैं ।
सहारा बनाना तो दूर वर्तमान समय में पुत्र खुद ही उन पर भार बन जाते हैं । और ऐसा व्यवहार करते हैं जैसे कि वह परिवार पर एक भार हो ।
2 ) = पाठ में ये भी बताया गया हैं कि साँप के डर जब लेखक भयभीत होकर थोड़ा चोटिल हो जाता तो पिता चिंतित हो जाते और उसकी माँ भावुक हो जाती , वे जैसे लेखक की सारी चोट खुद महसूस कर लेते ।
वही अब पुत्र उनकी देखभाल नहीं करते , उन्हें चोट ही चोट देते हैं । जहाँ पुत्र और पुत्रियों को अपने माता - पिता को खुशी देनी चाहिए । वे अपने दूव्र्यवहार से उनको भावुक कर देते हैं ।
निष्कर्षण =》
वर्तमान समय में पुत्र और पुत्रियाँ अपना माता - पिता के प्रति अपना कर्तव्य भूल गए हैं ।
हमें माता - पिता की सेवा करनी चाहिए यह संसार का एकमात्र छुपा सुख हैं , जिसके खुशी और दुःख का अहसास भविष्य में होता हैं ।
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