Hindi, asked by rbgupta25, 6 months ago

'माता का अँचल' पाठ में माँ के प्रति अत्यधिक लगाव न होते हुए भी भोलानाथ
माँ के आँचल में ही प्रेम और शांति पाता है। आप इसका क्या कारण मानते
हैं?​

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Answered by Anonymous
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चूहे के बिल से निकले साँप को देखकर भयभीत भोलानाथ जब गिरता-पड़ता घर भागता है तो उसे जगह-जगह चोट लग जाती है। वह अपने पिता को ओसारे में हुक्का गुड़गुड़ाता हुआ देखता है परंतु उनकी शरण में न जाकर घर में सीधे माँ के पास जाकर माँ के आँचल में छिप जाता है। साँप से भयभीत अर्थात् विपदा के समय पिता के दुलार की कम, माता के स्नेह, ममता और सुरक्षा की ज़रूरत अधिक होती है। यह सुरक्षा उसे माँ के आँचल में नज़र आती है, इसलिए बच्चे का अपने पिता से अधिक जुड़ाव होने पर भी विपदा के समय वह पिता के पास न जाकर माँ की शरण में जाती है।

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