Hindi, asked by yadavshubhamahur, 1 day ago

"माता का अंचल'' पाठ में वर्णित बचपन और आज के बचपन में क्या अंतर है? क्या इस अंतर का प्रभाव दोनों बचपनों के जीवन मूल्यों पर पड़ा है? तर्क सहित स्पष्ट कीजिए।​

Answers

Answered by bhatiamona
38

माता का आंचल पाठ के आधार पर अगर कहें तो पाठ में वर्णित बचपन और आज के बचपन के बीच का गहरा अंतर आ चुका है।

पहले के बचपन के बच्चे सामूहिक रूप से घर से बाहर खेलते थे। उनके आस-पास खुला और स्वच्छंद वातावरण होता था। प्राकृतिक परिवेश होता था। वह घरों में कैद नहीं रहते थे। उनके पास वीडियो गेम, कंप्यूटर, मोबाइल, टीवी जैसे साधन नहीं थे। इसलिए वे प्रकृति में अपना समय बिताया करते थे। इससे उनके शारीरिक विकास पर और मानसिक विकास पर सकारात्मक असर पड़ता था, वह प्रकृति के अधिक निकट रहते थे।

व्याख्या :

आज के बचपन के बच्चे अपने कमरे में कैद होकर रह गए हैं और उनकी जिंदगी टीवी, मोबाइल, वीडियो गेम, कंप्यूटर आदि तक सिमटकर रह गई है। उनके परिवार भी एकल परिवार हो चले हैं। माता पिता काम पर जाते हैं, जिससे बच्चे और अधिक एकाकीपन महसूस करते है। वे बाहर खेलने नही जाते बल्कि मोबाइल, टीवी, कम्प्यूटर में उलझे रहते हैं। इससे उनके शारीरिक और मानसिक विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

Answered by hammadkhandelhi06
4

Answer:

see above picture there is your answer

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