माता का आँचल पाठ के आधार पर बताइए कि बच्चा माता के द्वारा अधिक सजाया-संवारा जा सकता है या पिता के द्वारा उदाहरण सहित यह भी बताइए कि भोलानाथ के खाने तथा खेलने हेतु जाने के प्रसंगों से आपको क्या शिक्षा मिलती है?
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माता का आँचल पाठ के आधार पर यह पता चलता है कि बच्चा ना केवल मां और ना केवल बाप के द्वारा सजाया -संवारा जा सकता है बल्कि इसके लिए माता और पिता दोनों की संयुक्त रूप से जरूरत है।
इस पाठ में भोलानाथ अपने पिता के साथ अक्सर समय बिताया करता था। जब भोलानाथ के पिता दुकान लगाया करते थे तब वह भी वहां होता था।
लेकिन जब भोलानाथ के पिता उसे भोजन कराना भूल जाते थे तब उसकी मां को रहा नहीं जाता था और वह भोलानाथ को भोजन कराती थी।
इस पाठ में एक प्रसंग है जब भोलानाथ एक सांप को देखता है तब वह अपने मां के आंचल में जाकर छिप जाता है। इससे हमें यह शिक्षा मिलती है कि एक बच्चे कि लिए उसके मां का आंचल ही सबसे सुरक्षित स्थान होता है।
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