माता का आंचल पाठ में बच्चे बरात का जुलूस कैसे निकालते हैं
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माता का आंचल पाठ में बच्चे बरात का जुलूस कैसे निकालते हैं
'माता का अंचल' पाठ लेखक शिवपूजन सहाय के बालपन से जुड़ी हुई कहानी है। यह कहानी पिता और पुत्र के प्रेम से आरंभ होती है। पुत्र के पिता उससे बहुत प्रेम करते हैं।
माता का आंचल पाठ में बच्चे बरात का जुलूस में लड़के मिलकर बारात निकालते थे| वह कनस्तर को तंबू बनाकर बजाते, अमोले को घिसकर उससे बड़े मजे से शहनाई बजाते हुए , टूटी हुई चूहेदानी को पालकी बनाकर उसे कपड़े से ढक देते।
बारात एक जगह से दूसरे जगह तक ले जाते थे | उस जगह को पत्तों से सजाया जाता था| के पालकी पे उपर लाला कपड़ा रखा जाता था और उस में दुल्हन बिठा कर लाई जाती थी| ▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬ ▬▬▬
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माता का आँचल पाठ में भोला नाथ पिताजी के साथ कहाँ जाते थे?
Answer:
बच्चे भारत का जुलूस निम्न प्रकार से निकालते थे:-
Explanation:
ANSWER FROM NCERT BOOK.
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