माटी कहे कुम्हार से, तू क्या रोंदे मोहे,
एक दिन ऐसा आएगा, मैं रोंदूगी तोहे।
काव्या पंक्तियों में प्रयुक्त रस बताईये I
Answers
Answered by
4
माटी कहे कुम्हार से, तू क्या रोंदे मोहे,
एक दिन ऐसा आएगा, मैं रोंदूगी तोहे।
➲ इन काव्य पंक्तियों में ‘शात रस’ प्रकट हो रहा है।
व्याख्या ⦂
✎... शांत रस की परिभाषा के अनुसार जब किसी काव्य में सांसारिक मोह माया के प्रति ग्लानि या वैराग्य का भाव प्रकट किया जाए तो वहां पर शांत रस होता है।
शांत रस में जब सांसारिक मोह माया के प्रति वैराग्य का भाव पैदा होने पर और ईश्वर के प्रति श्रद्धा प्रकट होने पर मन को जो शांति प्राप्त होती हो, वहां शांति रस प्रकट होता है। इन पंक्तियों में कवि अपने माटी की तुलना मानव से कर रहा और जीवन की नश्वरता के प्रति सचेत कर रहा है। इसलिये यहाँ पर ‘शांत रस’ उत्पन्न हो रहा है।
◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌
Similar questions