Hindi, asked by kagbikaram, 1 year ago

मुटुल जोशी कवयित्री का साहित्यिक परिचय दीजिए।​

Answers

Answered by kashu77
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Explanation:

निंदक नियरे राखिये, आंगन कुटीर छवाय।

बिन पानी साबुन बिना, निर्मल करत सुभाय।।

इस दोहे में कबीर जी निंदक को अपने पास रखने के लिए कह रहे हैं। वह ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि निंदक हमारे पास रहेंगे तो हमारी आलोचना करेंगे। हमे उनके द्वारा की गई आलोचना से निराश न होने की बजाय उन कमियों को दूर करना चाहिए ताकि हम अपने स्वभाव को निर्मल कर सकें। जिस प्रकार साबुन और पानी वस्तुओ को निर्मल करते हैं, उसी प्रकार निंदक हमारे स्वभाव को निर्मल करते हैं।

आशा है यह उत्तर आपकी सहायता करेगा।

धन्यवाद

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