“मैं तुम्हारी फोटो देखते –देखते रो पड़ना चाहता हूँ |” यहाँ लेखक ने प्रेमचंद
के किन दुखों को व्यक्त करने का प्रयास किया है ?
Answers
¿ मैं तुम्हारी फोटो देखते–देखते रो पड़ना चाहता हूँ | यहाँ लेखक ने प्रेमचंद के किन दुखों को व्यक्त करने का प्रयास किया है ?
✎... इन पंक्तियों के माध्यम से लेखक ने प्रेमचंद के जीवन में आने वाली अनेक परेशानियों का जिक्र किया है। जिनके कारण वह दुखी रहे होंगे। भले ही उन्होंने अपने दुख को अपने मनी में ही छुपाए रखा और बाहर से वह सब कुछ सामान्य दिखाने की कोशिश करते रहे और इसी भाव से उन्होंने अपनी पत्नी के साथ फोटो भी खिंचाया। लेकिन उनका दुख पूरी तरह उनके चेहरे से नहीं जा पाया और दुख की हल्की सी छाया उनके चेहरे पर दिख गई। लेखक ने उनके चेहरे से प्रदर्शित होने वाले इस दुख को ताड़ लिया और लेखक को इस बात से बड़ा दुख हुआ कि इतना बड़ा कथाकार, उपन्यासकार, साहित्यकार होने के बावजूद भी प्रेमचंद के पास पहनने के लिए ढंग के कपड़े जूते तक नहीं थे।
○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○
संबंधित कुछ और प्रश्न —▼
प्रेमचंद की आंखों में लेखक को क्या दिखाई देता है।
https://brainly.in/question/24066365
लेखक के अनुसार प्रेमचंद्र किस पर हंस रहे थेलेखक के अनुसार प्रेमचंद किस पर हंस रहे थे।
https://brainly.in/question/23864442
○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○
Answer:
kuki uski photo dekh ke use tati ah gye