मोती मनुष्य और चुनाव के बारे में रहीम दास जी ने क्या कहा था
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sandar प्रस्तुत कविता हमारी पाठ हिंदी के रहीमदास नामक पाठ से ली गई है
व्याख्या कवि कहते हैं कि जिस प्रकार चूने के बिना मोती की चमक चले जाते हैं उसी प्रकार मनुष्य भी अपने आदर के बिना टूट जाता है I hope this answer is useful mark me as brain list
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