Hindi, asked by ananyagupta170, 2 months ago

मीत न नीति गलीतु है जो धरिये धनु जोरि। खाऐं खरचैं जो जुरै तो जोरियै करोरि।। उपर्युक्त दोहे की सन्दर्भ प्रसंग सहित व्याख्या कीजिए। (उत्तर सीमा लगभग 80-90 शब्द)​

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Answered by bhatiamona
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मीत न नीति गलीतु है जो धरिये धनु जोरि। खाऐं खरचैं जो जुरै तो जोरियै करोरि।। उपर्युक्त दोहे की सन्दर्भ प्रसंग सहित व्याख्या कीजिए।

सन्दर्भ : यह दोहा बिहारी सतसई / भाग 65 / से लिया गया है | यह दोहा बिहारी जी द्वारा लिखा गया है |

प्रसंग : दोहे में धन को उचित तरीके से खर्च करने के बारे में बताया है |

व्याख्या :  हे मनुष्य , यह उचित नहीं है , गल-पचकर-अत्यन्त दुःख सहकर-धन इकट्ठा कर रखिए | अच्छी तरह से मेहनत करके कमाना और अच्छी तरह उस धन का खर्च करके जो इकट्ठा हो जाए तो करोड़ों रुपए जोड़िए-इकट्ठा कीजिए।

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