मातृ– पितृ पूजन दिवस' पर अपना सृजनात्मक लेख प्रेषित करें ।
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दोस्तों प्राचीन काल से ही माता पिता को एक सर्वोच्च स्थान प्रदान किया गया है। अनादिकाल से महापुरुषों ने अपने जीवन में माता-पिता और सदगुरु का आदर-सम्मान किया है। कहा जाता है, माता पिता का स्थान ईश्वर के समान है। माता पिता ही है, जो ईश्वर के आशीर्वाद के रूप में हमारे पास रहते है।
फरवरी माह 14 को मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाया जाता है। यह दिन केवल प्रेमी-प्रेमिका से ही नहीं बल्कि माता-पिता से भी प्यार जताने का दिन होता है। हिंदू धर्म में इस मातृ-पितृ पूजन से संबंधित बड़ी ही रोमांचित कहानी है| आज यह सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि पूरे दुनियाभर से करोड़ों लोग मातृ-पितृ पूजन दिवस का समर्थन करते हैं।
हमारी जिंदगी में प्रसन्नता लाने तथा समस्याओं को सुलझाने में माता-पिता का सर्वाधिक योगदान होता है। क्योंकि भारत में माता-पिता हर प्रकार से अपने बच्चों का लालन पोषण करते हैं और माता-पिताओं का पोषण संतजनों से होता है।
यह पर्व आज भी कई विद्यालयों में भी मनाया जाता है। जिसमें विद्यार्थी अपने माता पिता का तिलक लगाकर व माला पहनाकर पूजन करते हैं। यह दृश्य सबके हृदय को छू लेता है, और सभी का मन भावभिवोर हो उठता है|
हमारे माता-पिता ने हमसे अधिक वर्ष दुनिया में गुजारे हैं, उनका अनुभव हमसे कहीं अधिक है, जिसकी हम अपने छोटे अनुभव से तुलना ही नहीं कर सकते। उनका यह अनुभव हमें सहज ही मिलता है।
अतः जो भी व्यक्ति अपनी उन्नति चाहता है, उस व्यक्ति को माता-पिता और गुरु का आदर सत्कार एवं आज्ञापालन करना चाहिइ
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