मित्र को अपने शेहर के पुस्तक मेले का वण॔न करते हुए पत्र लिखिए
Answers
प्रिय नेहा!
बहुत प्यार,
कल हम प्रगति मैदान में पुस्तक मेला देखने गए हुए थे। यहाँ पर देश-विदेश की पुस्तकों का भंडार था। हर विषय तथा हर क्षेत्र से संबंधित अनगिनत पुस्तकें यहाँ पर लायी गई थी। यहाँ पर कई नामी प्रकाशन कंपनियों ने अपने प्रकाशन के तले छपने वाली पुस्तकों का स्टाल लगाया हुआ था। इन स्टालों में लोगों के लिए बहुत कम कीमतों पर पुस्तकें उपलब्ध करवाई गई थीं। पुस्तक पढ़ने वालों के लिए तो यह स्वर्ग के समान था। पिताजी हमें यहाँ लेकर गए। तुम तो जानती हो कि पिताजी को पुस्तकों से कितना प्रेम है। हम सबने अपनी रूचि के अनुसार बहुत सी पुस्तकें खरीदीं है, तुम्हारे लिए भी पुस्तकें खरीदीं हैं, जो इस पत्र के साथ तुम्हें भिजवा रही हूँ। तुम्हारी कमी यहाँ बहुत खली। परन्तु आशा करती हूँ अगले पुस्तक मेले में तुम भी हमारे साथ होगी। अच्छा पत्र समाप्त करती हूँ, बताना तुम्हें ये पुस्तकें कैसे लगी।
तुम्हारी सहेली
मिष्टी