Geography, asked by armanansari73510, 6 months ago

मित्रों के चुनाव की उपयुक्तता पर भी जीवन की सफलता निर्भर करती है क्योंकि संगति का गुप्त प्रभाव हमारे आचरण
पर बड़ा भारी पड़ता है हम लोग ऐसे समय में समाज में प्रवेश करके अपना कार्य आरंभ करते हैं जबकि हमारा चित्त
कोमल और हर तरह का संस्कार ग्रहण करने योग्य रहता है हमारे भाव आ परिमार्जित और हमारी प्रवृत्ति अपरिपक्व
रहती है हम लोग कच्ची मिट्टी की मूर्ति के समान हैं जिसे जो जिस रूप में चाहे उस ग्रुप का करें--चाहे वह राक्षस बनाएं,
चाहे देवता। ऐसे लोगों के साथ रहना हमारे लिए बुरा है जो हम से अधिक दृढ़ संकल्प के हैं क्योंकि हमें उनकी हर एक
बात बिना विरोध के मान लेनी पड़ती है पर ऐसे लोगों के साथ रहना और भी बुरा है जो हमारी ही बात को ऊपर रखते
हैं क्योंकि ऐसी दशा में ना तो हमारे ऊपर कोई दबाव रहता है और ना हमारे लिए कोई सहारा रहता ह
(ङ) प्रस्तुत गद्यांश के लिए सर्वाधिक उपयुक्त शीर्षक लिखिए।​

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Answered by Anonymous
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Answer:

मित्रों के चुनाव की उपयुक्तता पर भी जीवन की सफलता निर्भर करती है क्योंकि संगति का गुप्त प्रभाव हमारे आचरण

पर बड़ा भारी पड़ता है हम लोग ऐसे समय में समाज में प्रवेश करके अपना कार्य आरंभ करते हैं जबकि हमारा चित्त

कोमल और हर तरह का संस्कार ग्रहण करने योग्य रहता है हमारे भाव आ परिमार्जित और हमारी प्रवृत्ति अपरिपक्व

रहती है हम लोग कच्ची मिट्टी की मूर्ति के समान हैं जिसे जो जिस रूप में चाहे उस ग्रुप का करें--चाहे वह राक्षस बनाएं,

चाहे देवता। ऐसे लोगों के साथ रहना हमारे लिए बुरा है जो हम से अधिक दृढ़ संकल्प के हैं क्योंकि हमें उनकी हर एक

बात बिना विरोध के मान लेनी पड़ती है पर ऐसे लोगों के साथ रहना और भी बुरा है जो हमारी ही बात को ऊपर रखते

हैं क्योंकि ऐसी दशा में ना तो हमारे ऊपर कोई दबाव रहता है और ना हमारे लिए कोई सहारा रहता ह

(ङ) प्रस्तुत गद्यांश के लिए सर्वाधिक उपयुक्त शीर्षक लिखिए।

Answered by shahjan40
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Explanation:

today date is 4 march 2022

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