मित्र को लोभ और लालच ना करने की शिक्षा देते हुए पत्र लिखिए
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परीक्षा भवन
नई दिल्ली
दिनांक : 12 मार्च 2021
प्रिय मित्र,
नमस्कार।
तुम्हें यह बताते हुए मुझे हर्ष हो रहा है कि मेरी परीक्षाएँ समाप्त हो गई है तथा सभी प्रश्न-पत्र अच्छे हुए हैं। अब तक तुम्हारी परीक्षाएँ भी समाप्त हो चुकी होंगी। मुझे पूरा विश्वास है कि तुम्हारे प्रश्न पत्र भी अच्छे हुए होंगे।
मित्र, तुम्हें दिल्ली आए हुए कई वर्ष हो गए हैं। तुमसे मिलने का बहुत मन कर रहा है। माँ ने हमारा नैनीताल जाने का कार्यक्रम बनाया है। वहाँ मेरे चाचा जी रहते हैं। तुम दिल्ली आ जाओ, यहाँ से दोनों नैनीताल जाएँगे। वहाँ पर्वतों के स्वच्छ व प्राकृतिक वातावरण में हमारे तन-मन दोनों में स्फूर्ति उत्पन्न हो जाएगी। हम रानीखेत भी जाएँगे। रानीखेत से हिमालय की बर्फीली चोटियों का दृश्य देखते ही बनता है। आशा है, तुम मेरा निमंत्रण ठुकराओगे नहीं तथा अपने दिल्ली आने की सूचना लौटती डाक से अवश्य दोगे और शीघ्र ही यहाँ आ जाओगे। अंत में अपने माता-पिता को मेरा प्रणाम कहना।
तुम्हारा मित्र
राहुल पाल
Answer:
Ishani Thakur
Mai aasa karti hu tum sab kusal mangal hoge. Mai bhi thik hun. tumhe kuch batana hai dekho kabhi lalach ya kisi chiz ka lobh nahi karna chahiye kyunki her chiz mile jaruri nahi jo bhi lalach karta hai vo humesha pachhata hai isliye tum kabhi lalach ya lobh mat karna. Uncle aunty ko mera pranaam or tumhe mera pyar.
tumhari sakhi
Priyanka.