मित्र की परख संकट में ३०० से ३५० शब्दो में निबंध
Answers
Answer:
जब हम अपने स्कूल जाते हैं, तो सबसे पहली चीज हम दोस्त बनाना सीखते हैं। हमारे जीवन में दोस्त का होना वाकई में आश्चर्यजनक है। दोस्ती विश्वास और खुशी का बंधन होती है लेकिन तब यह हमें काफी मुश्किल में भी डाल देता है जब हम गलत व्यक्ति के साथ होते हैं। आजकल हमारे जीवन में एक वफादार दोस्त का होना बहुत ही मुश्किल है। जीवन क्या है ये बस जीवन और मृत्यु के बीच की यात्रा है और यह तब और सुंदर हो जाती है जब हमारे पास अच्छे दोस्त होते हैं।सच्ची दोस्ती क्या है?
आमतौर पर हमें दोस्त बनाने के लिए स्कूल या कॉलेज जैसी किसी निश्चित जगह की आवश्यकता नहीं होती है, कभी-कभी हम यात्रा करते समय, किसी समारोह में शामिल होने के दौरान, जैसे मौकों पर सौभाग्य से कुछ लोगों से मिलेते हैं। कभी-कभी लोग हमारे साथ को सिर्फ कुछ व्यक्तिगत लाभ के लिए चुनते हैं, लेकिन उन पर भरोसा करने से पहले उस व्यक्ति का परीक्षण करना हमारा कर्तव्य है।
सच्ची दोस्ती कभी खत्म नहीं होती है और हमारा भविष्य जैसा भी हो वह बनी रहती है। भारतीय पौराणिक कथाओं में कृष्ण और सुदामा की एक बहुत ही लोकप्रिय कहानी है। दोनों एक ही आश्रम में पढ़ते थे लेकिन एक राजा और दूसरा गरीब पुजारी बन गया। फिर भी, राजा ने उसके साथ उसी तरह से व्यवहार किया जैसे वे उसके आश्रम में थे। इससे यह भी पता चलता है कि एक सच्चा दोस्त आपको कभी नहीं छोड़ेगा।
हमें दूसरों पर तब तक आंख मूंदकर भरोसा नहीं करना चाहिए जब तक कि हम उसकी पूर्ण रूप से जांच न कर लें। इसलिए, यदि आप भ्रमित हैं और अपने दोस्त की जांच करना चाहते हैं, तो बस धैर्य रखें। कभी-कभी हमें अपने जीवन में मदद की आवश्यकता होती है और उस समय आप अपने मित्र की वफादारी की जांच कर सकते हैं।
दोस्त शब्द आते ही स्वतः हमारे चेहरे पर मुस्कराहट आ जाती है। हम सभी की एक मित्र मंडली होती है और उनमे से कुछ हमारे घनिष्ट मित्र होते हैं। यहाँ पर एक सामान्य मित्र और अच्छे मित्र के बीच थोड़ा सा अंतर होता है। हम सभी को अपने दोस्तों का चुनाव सावधानी से करना चाहिए। हम उनके साथ अपनी सभी चीजें बाँटते हैं। इसलिए, एक दोस्त वाकई में भरोसेमंद होना चाहिए। मुश्किल वक़्त में दोस्त की परख पर हम आपके लिए यहाँ पर कुछ निबंध लेकर आये हैं।