मित्र को पत्र लिखकर योग और प्राणायाम के बारे में बताएं
please guys mujhe jaldi se answer bta dijiye
Answers
Explanation:
छात्रावास में रहने वाले अपने छोटे भाई को एक पत्र 80 से 100 शब्दों में लिखकर प्रातः काल नियमित रूप से योग एवं प्राणायाम का अभ्यास करने के लिए प्रेरित कीजिए।
उत्तर –
परीक्षा भवन
दिनांक : 3/3/21
प्रिय भाई दिनेश ,
सस्नेह आशीर्वाद।
आशा हैं कि तुम बिल्कुल ठीक व स्वस्थ होंगे और अपनी पढ़ाई मन लगाकर कर रहे होंगे । दिनेश मैं जानता हूं कि हर साल की तरह इस साल भी तुम अपनी कक्षा में प्रथम आओगे।और आगे भी तुम्हारा यह सफलता भरा सफर जारी रहेगा । इस बात का मुझे पक्का यकीन है। लेकिन दिनेश आज मैं तुम्हें एक विशेष प्रयोजन से पत्र लिख रहा हूं। भाई मैं जानता हूं कि तुम पढ़ाई में जितने अच्छे हो , उतने ही अपने शरीर के प्रति लापरवाही भी हो। जो बिल्कुल भी अच्छी बात नहीं है।
भाई जिंदगी में जितनी जरूरी पढ़ाई है उतना ही जरूरी स्वास्थ्य भी है। क्योंकि अच्छा स्वास्थ्य मनुष्य की सबसे बड़ी पूंजी है। इसीलिए मेरे प्यारे छोटे भाई मैं तुमसे यह कहना चाहता हूं कि तुम अच्छी पढ़ाई के साथ अच्छे स्वास्थ्य के लिए हर रोज सुबह कम से कम एक घंटा योगा और व्यायाम के लिए जरूर समय निकालना। जिससे तुम्हारा तन व मन दोनों स्वस्थ रहें।और जब तुम तन और मन दोनों से स्वस्थ रहोगे , तो जीवन में खूब तरक्की करोगे। तुम घर से दूर हॉस्टिल में अकेले रहते हो इसलिए अपने स्वास्थ्य का खूब ध्यान रखना।
आशा है तुम मेरी बातों को समझोगे और उन पर अमल करोगे। घर के सभी बड़ों की तरफ से तुम्हें आशीर्वाद और छोटों की तरफ से प्यार।
तुम्हारा बड़ा भाई
क.ख.ग.
परीक्षा भवन
दिनांक : 00/00/000
प्रिय xyx ,
सस्नेह आशीर्वाद।
आशा हैं कि तुम बिल्कुल ठीक व स्वस्थ होंगे और अपनी पढ़ाई मन लगाकर कर रहे होंगे । दिनेश मैं जानता हूं कि हर साल की तरह इस साल भी तुम अपनी कक्षा में प्रथम आओगे।और आगे भी तुम्हारा यह सफलता भरा सफर जारी रहेगा । लेकिन दिनेश आज मैं तुम्हें एक विशेष प्रयोजन से पत्र लिख रहा हूं।
जिंदगी में जितनी जरूरी पढ़ाई है उतना ही जरूरी स्वास्थ्य भी है। क्योंकि अच्छा स्वास्थ्य मनुष्य की सबसे बड़ी पूंजी है। जब तुम तन और मन दोनों से स्वस्थ रहोगे , तो जीवन में खूब तरक्की करोगे। तुम घर से दूर हॉस्टिल में अकेले रहते हो इसलिए अपने स्वास्थ्य का खूब ध्यान रखना।
आशा है तुम मेरी बातों को समझोगे और उन पर अमल करोगे।
तुम्हारा मित्र
क.ख.ग.