Hindi, asked by ananya6463, 1 year ago

मित्र को रोचक यात्रा का वर्णन पर पत्र।


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Answered by Anonymous
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विषय :

प्रिय सुभाष,

नमस्ते।

इस वर्ष दिवाली की छुट्टी में एक सप्ताह अपनी दिनचर्या से हटकर जीने का मौका मिला। मैं पापा, मम्मी एवं नेहा के साथ दिल्ली घूमने गया था। दिल्ली की यात्रा अत्यंत रोचक एवं आनंददायक थी। हम लोग हवाई जहाज से वहाँ गए और रेलगाड़ी से वापस आए। जाने-आने

का समय केवल दिल्ली की सोच में ही कट गया। हम लोगों को दिल्ली घूमने की आकांक्षा कई वर्षों से थी। तीन दिनों तक वहाँ रहकर हम लोगों ने लाल किला, इंडिया गेट, जामा मस्जिद, कुतुब मीनार, कमल मंदिर, संसद भवन, राष्ट्रपति भवन, कनॉट प्लेस, भूमिगत

पालिका बाजार आदि स्थानों का भ्रमण किया। ये सभी स्थान अद्भुत और चकित करने वाले हैं। मैं यहाँ लौटकर भी इन स्थानों की खूबसूरती को नहीं भूल पाया हूँ। शेष मिलने पर

 

तुम्हारा मित्र

Answered by suprita67
1
रकाबगंज,

लखनऊ।

12 नवंबर, 2011

 

विषय : दिल्ली भ्रमण का वर्णन

प्रिय सुभाष,

नमस्ते।

इस वर्ष दिवाली की छुट्टी में एक सप्ताह अपनी दिनचर्या से हटकर जीने का मौका मिला। मैं पापा, मम्मी एवं नेहा के साथ दिल्ली घूमने गया था। दिल्ली की यात्रा अत्यंत रोचक एवं आनंददायक थी। हम लोग हवाई जहाज से वहाँ गए और रेलगाड़ी से वापस आए। जाने-आने

का समय केवल दिल्ली की सोच में ही कट गया। हम लोगों को दिल्ली घूमने की आकांक्षा कई वर्षों से थी। तीन दिनों तक वहाँ रहकर हम लोगों ने लाल किला, इंडिया गेट, जामा मस्जिद, कुतुब मीनार, कमल मंदिर, संसद भवन, राष्ट्रपति भवन, कनॉट प्लेस, भूमिगत

पालिका बाजार आदि स्थानों का भ्रमण किया। ये सभी स्थान अद्भुत और चकित करने वाले हैं। मैं यहाँ लौटकर भी इन स्थानों की खूबसूरती को नहीं भूल पाया हूँ। शेष मिलने पर

 

तुम्हारा मित्र

शरद


ananya6463: ok
ananya6463: welcome
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