मेट्रो रेल पर निबंध ( 200 words ) In Hindi
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प्रस्तावना:
मेट्रो रेल यह लोगों को सफ़र करने के लिए बहुत अत्याधुनिक साधन हैं | दिल्ली की जनसँख्या को देखकर मेट्रो रेल की शुरुआत की हैं | यह भारत की राजधानी दिल्ली के लोगों के लिए सबसे बड़ा वरदान हैं | लोगों को इसकी सुविधा मिलने से धन, समय और श्रम की बचत होने लगी |
इसकी वजह से सड़क यातायात कम हो गयी | हर दिन लोग बस की भीड़, धुल और त्रासदायक यात्रा से सफ़र करते थे | उन्हें बहुत मुसीबतों का सामना करना पड़ता था | मेट्रो रेल की वजह से लोगों का जीवन सुखमय और आनंदमय होगया हैं |
मेट्रो रेल की शुरुआत
देश में मेट्रो रेल की शुरुआत अटल बिहारी वाजपेयी ने २४ दिसंबर, २००२ को की थी | यह रेल हर दिन शाहदरा से तीस हजारी तक दौड़ती हैं |
मेट्रो रेल की वजह से सड़कों पर चलने वाले वाहनों की संख्या कम हो गयी | उसके कारण प्रदुषण की समस्या भी बहुत कम हो गयी |
मेट्रो रेल की विशेषता
मेट्रो रेल के अंदर पूर्ण रूप से साफ – सफाई की जाती हैं | यह पूरी तरह से वातानुकूलित होती हैं | सभी लोगों को मेट्रो का सफ़र करना बहुत अच्छा लगता हैं |
मेट्रो रेल में बस की तरह धुल और भीड़ नहीं होती हैं | मेट्रो रेल का सफ़र लोग बहुत आसानी से कर सकते हैं | इसकी वजह से लोगों की जिंदगी को गति प्राप्त हुई | मेट्रो रेल अन्य वाहनों से सस्ती पड़ती हैं |
मेट्रो रेल की रचना
मेट्रो रेल के अंदर सी. सी टीवी कैमरे लगे हुए हैं | इस रेल के अंदर और बाहर जाने के लिए मिक्रोप्रोफेसर के दरवाजे लगे हुए हैं | आज इस रेल का सफ़र दिल्ली के बाहर भी किया जाने लगा हैं |
मेट्रो के सभी स्टेशनॉन पर साफ सफाई का ध्यान रखा गया हैं | इस रेल में आपातकालीन की स्थिति में विशेष सुविधाएं उपलब्ध करवाई हैं |
इसमें एलिवेटर का उपयोग, लिफ्ट का प्रयोग और विकलांग लोगों के लिए पहिए वाली गाड़ी का प्रयोग किया गया हैं | इस रेल से सफ़र करने वाले लोगों को टोकन और स्मार्ट कार्ड की व्यवस्था कर दी गयी हैं |
प्रदुषण की समस्या
दिल्ली यह सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला शहर हैं | इस शहर में लोगों को प्रदुषण की समस्या का सामना करना पड़ता था | ज्यादा लोकसंख्या होने के कारण लोगों को अपना जीवन जीना बहुत मुश्किल हो गया था | मेट्रो रेल के आने से प्रदुषण समस्या कम हो गयी |
निष्कर्ष:
आज मेट्रो रेल की वजह से दिल्ली के लोगों का जीवन सफल हो गया | मेट्रो रेल की वजह से सभी लोगों को बहुत सारी सुविधाएं प्राप्त हो गयी | मेट्रो रेल के कारण व्यर्थ होने वाले समय की बचत होने लगी
Explanation:
कोलकाता मेट्रो रेल- कोलकाता मेट्रो भारत की प्रथम भूमिगत मेट्रो रेलवे हैं. यह 24 अक्टूबर 1984 को प्रारम्भ हुई. 29 दिसंबर 2010 को मेट्रो रेलवे कोलकाता को क्षेत्रीय रेलवे का दर्जा दिया गया.
दिल्ली मेट्रो रेल– यह भारत की द्वितीय मेट्रो रेल प्रणाली हैं. इसके निर्माण हेतु मेट्रो रेल निगम DMRC की 3 मई 1995 को स्थापना की गई. DMRC ने दिल्ली मेट्रो रेलवे का शुभारम्भ शाहदरा व तीस हजारी के मध्य 25 दिसम्बर 2002 को किया.
बैगलौर नम्मा मेट्रो– बेंगलौर मेट्रो को नम्मा मेट्रो के नाम से जाना जाता हैं. बंगलौर मेट्रो का शुभारम्भ 20 अक्टूबर 2011 को हुआ जब बैयप्प्नहल्ली से एम् जी रोड़ बंगलौर मेट्रो चलाई गई. बंगलौर मेट्रो भारत की तृतीय रेल प्रणाली हैं. इसका संचालन BMRCL द्वारा किया जा रहा हैं.
मुंबई मेट्रो रेल– मुंबई मेट्रो की शुरुआत 8 जून 2014 को 11.4 किमी लम्बे स्टेंडर्ड गेज रेलमार्ग पर वर्सोवा अँधेरी घाटकोपर तक चलाई गई. इसकी संचालक रिलायंस इंफ़्रा हैं. मुंबई मेट्रो भारत की पीपीपी मॉडल पर आधारित पहली मेट्रो रेल प्रणाली हैं.
जयपुर मेट्रो– राजस्थान में जयपुर मेट्रो की शुरुआत 3 जून 2015 से की गई हैं. इसके लिए एशियन डेवलपमेंट बैंक की सहायता प्राप्त हो रही हैं. इसकी क्रियान्विति हेतु जयपुर मेट्रो रेल कोर्पोरेशनलिमिटेड का गठन किया गया हैं.
चेन्नई मेट्रो– चेन्नई मेट्रो 29 जून 2015 से प्रारम्भ हुई हैं. इसका संचालन जापान के सहयोग से चेन्नई मेट्रो रेल लिमिटेड द्वारा किया जा रहा हैं. चेन्नई में वर्तमान में एमआरटीएस प्रणाली भी कार्यरत हैं. यह एक नवम्बर 1995 को प्रारम्भ हुई थी, यह भारत की पहली एलिवेटेड लाइन थी.
रेपिड मेट्रो रेल गुडगाँव– यह रेपिड मेट्रो रेल गुडगाँव लिमिटेड द्वारा संचालित गुडगाँव हरियाणा की मेट्रो रेल प्रणाली हैं. जिसे सिकन्दरपुर में दिल्ली मेट्रो की येलो लाइन से जोड़ा गया हैं. रेपिड मेट्रो भारत में संचालित प्रथम पूर्ण निजी मेट्रो प्रणाली हैं. यह NH 8 को दिल्ली मेट्रो वाया साइबर सिटी गुडगाँव से जोड़ती हैं.