'मित्रता' विषय पर 200-250 शब्दों का एक निबंध लिखो
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Explanation:
मित्रता का शाब्दिक अर्थ होता है मित्र होना मित्र होने का अर्थ यह नहीं होता कि वह साथ रहते हो एक जैसा काम करते हो मित्रता का अर्थ होता है जब एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति का शुभचिंतक हो अर्थात परस्पर एक-दूसरे के हित की कामना तथा एक दूसरे के सुख उन्नति और समृद्धि के लिए प्रयत्नशील होना ही मित्रता है मित्रता सिर्फ सुख के ही चरणों में की कामना नहीं करती है दुख के पलों में भी मित्रता ढाल बनकर आती है और मित्र की रक्षा के लिए तत्पर होती है मित्रता के लिए कोई भी नियम नहीं होते हैं अतः मित्रता किसी से करनी चाहिए अवस्था के अनुसार ही मित्रता हो सकती है जैसे बालक बालक के साथ रहना और मित्रता करना पसंद करता है युवक युवक के साथ व्यक्ति वृद्धि के साथ ही मित्रता करना पसंद करता है संक्षेप में कहा जा सकता है कि मित्र वह साथी होता है जिससे हम अपने सभी रहस्यों संकटों और सुख के साथी बनाते हैं जिससे हमें प्रवृत्ति और आदतों से भिन्न होने पर भी प्यार करते हैं और उसे चाहते हैं दोस्ती से एक मनुष्य को अच्छा दोस्त बनने अच्छे वफादार दोस्त बने और आपकी दोस्ती को मजबूत रखने में मदद मिलती है मित्रता का महत्व निकिता का बहुत बड़ा महत्व है जब भी कोई दो व्यक्ति अन्य किसी के साथ स्वयं को परिपूर्ण समझे उसके साथ उसकी मुसीबतों को अपना समझे और अपने गमों को उसके साथ बांट सके भले ही दोनों में खून का संबंध ना हो जातीय संबंध ना हो और ना ही इंसान इस अजीब अजीब सा का संबंध लेकिन फिर भी वह भावनात्मक दृष्टि से उससे जुड़ा हुआ हो यही मित्रता का अर्थ होता है एक राइटर अपनी कलम अपनी डायरी से भी वैसे ही लगाव होता है जैसे किसी मित्र से बचपन में छोटा बच्चा अपने खिलौनों से बहुत लगाव होता है अभी आपसे बात करते हैं लड़ते हैं जैसे कि आप किसी मित्र के साथ उनका व्यवहार होता है वैसे ही व्यवहार भी खिलौनों के साथ भी करते हैं
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