Hindi, asked by shubham37726, 2 months ago

माता से केवल दूध पीने तक का नाता था से क्या अभिप्राय है​

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Answered by Braɪnlyємρєяσя
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Explanation:

हमारे पिता तड़के उठकर, निबट-नहाकर पूजाकरने बैठ जाते थे। हम बचपन से ही उनके अंग लग गए थे। माता से केवल दूध् पीने तक का नाता था। इसलिए पिता के साथ ही हम भी बाहर की बैठक में ही सोया करते। वह अपने साथ ही हमें भी उठाते और साथ ही नहला-ध्ुलाकर पूजा पर बिठा लेते। हम भभूत का तिलक लगा देने के लिए उनको दिक करने लगते थे। कुछ हँसकर, कुछ झुँझलाकर और कुछ डाँटकर वह हमारे चैड़े लिलार में त्रिपुंड कर देते थे। हमारे लिलार में भभूत खूब खुलती थी। सिर में लंबी-लंबी जटाएँ थीं। भभूत रमाने से हम खासे ‘बम-भोला’ बन जाते थे।

Answered by tajmohamad7719
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