Hindi, asked by lachhidarjee1497, 7 months ago

मौटुसी पक्षी किस तरह पराग मिलन में सहयोग करती है ?
घर पर ही बनाने
रा​

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Answered by wwwsanjaytiwarifbd
37

Answer:

Banane mein ghar per hi Banane mein

Answered by roopa2000
0

Answer:

पक्षी पौधों को उसी तरह से निषेचित करने में मदद करते हैं जैसे कि कोई अन्य  परागणकर्ता - पराग (अपने बिलों के माध्यम से) को एक फूल से दूसरे में स्थानांतरित करने के रूप में वे अमृत पर खिलने वाले पौधों के बीच उड़ते हैं।

यह महत्वपूर्ण हैं क्योंकि मधुमक्खियां इसी से मधु का निर्माण करती हैं।

Explanation:

पराग  शर्करा से  युक्त तरल पदार्थ होता  है। इसका निर्माण फूल में होता है। ये हमिंगबर्ड, तितलियों तथा कई कीट पतंगो के खाद्य पदार्थ है। आर्थिक रूप से भी यह महत्वपूर्ण हैं क्योंकि मधुमक्खियां इसी से मधु का निर्माण कर पाती हैं। फूल के अलावा यह पौधे के अन्य भागों जैसे पत्तियों तथा फ्लोएम ऊतकों में भी निर्मित होते हैं। कुछ कीट भक्षी परजीवी पौधे इसका उपयोग कीट पतंगो को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए भी करते हैं। पराग का उपयोग परागण में होता है। पौधे द्वारा परागण की व्यवस्था इस बात पर निर्भर करती है कि किस तरह से परागण को इस्तेमाल किया जाता है।

                          २ समूह इस प्रकार है,

कीटपरागित फूल

फूल, कीटों, चमगादडों, पक्षियों और जानवरों को आकर्षित करते हैं और एक फूल से दूसरे को पराग स्थानांतरित करने के लिए इसका उपयोग  करते हैं। उनका रूपाकार विशिष्ट होता है और पुंकेसर की ऐसी व्यवस्था होती है कि पराग के दाने अपने आप पक्षियों या कीटपतंगों के साथ चिपककर स्थानान्तरित हो जायें और जब वह दूसरे पौधों पर बैठे तब वहाँ स्थानांतिरित हो जाएँ। कई फूलों की एक ही प्रजाति की किसी आकर्षक विशेषता को पाने के लिए, परागनकर्ता द्वारा उन सभी फूलों में पराग को स्टिग्मा में स्थान्तरित कर देती है जो बिल्कुल सटीक रूप से समान रूप में व्यवस्थित होते हैं। कई फूल परागण के लिए मात्र फूलों के हिस्सों के बीच निकटता पर निर्भर करते हैं, जैसे सारसेनिया या मादा स्लीपर ऑर्किड।

वातपरागित फूल

वायु के साथ पराग को एक फूल से अगले फूल तक ले जाते हैं उदाहरण के लिए संटी वृक्ष, एम्बोर्सिया जाति की रैग घास और एसर जाति के पेड़ और झाडियाँ। उन्हें परागण को आकर्षित करने की जरुरत नही पड़ती जिस कारण उनकी प्रवृति 'दिखावटी फूलों' की नही होती. जहाँ कीटप्रागीय फूलों के पराग बड़े और लसलसे दानों के रूप में होते हैं और प्रोटीन की अधिकतावाले होते हैं वहीं वातपरागित फूलों के पराग ज्यादातर छोटे दाने लिए हुए रहते हैं, बहुत हल्के और कीटों के लिए इतने पोषक भी नही होते। मधुमक्खी और बम्बल मक्खी सक्रिय रूप से वातपरागित पराग कणों को जमा करते हैं हालाँकि ये उनके ज्यादा महत्त्व के नही होते। कुछ फूल स्वपरागित होते हैं और उन फूलों का इस्तेमाल करते हैं जो कभी नही खिलते, या फूल खिलने से पहले स्वपरागित जो जाते हैं, इन फूलों को क्लीसटोगैमस कहा जाता है कई प्रकार के विओला और सालविया प्रजातियों में इस प्रकार के फूल होते हैं।

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