Environmental Sciences, asked by rajeshshaw3825, 9 months ago


मिट्टी की एक उपयोगी और दो अनुपयोगी कणों तत्वों के नाम लिखो।​

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Answered by RaazAnishek
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Explanation:

मिट्टी-भूमि की सतही परत होती है जो पृथ्वी के भू-भाग के एक पतले आवरण के रूप में ढकती है और जल एवं वायु क उपयुक्त मात्रा मिलने पर सभी पौधों के आधार एवं जीविका प्रदान करती है| मिट्टी प्राक्रतिक खनिज पदार्थों और कार्बिनक पदार्थों के सड़ने एवं प्राकृतिक प्रक्रियाओं के प्रभाव से विकसित हुई है|

मिट्टी एक प्रकार से जीवंत संरचना है| मिट्टी का जन्म जैविक पदार्थों एवं चट्टानों से होता है और यह परिपक्व अवस्था में पहुँच कर कई प्रकार की परतों के रूप में विकसित होती है| जीवित पदार्थों के समान, मिट्टी का भी धीरे-धीरे विकास होता है| मिट्टी में पौधे तथा जंतु निरंतर सक्रिय रहते हैं जिससे इसमें लगातार परिवर्तन होता रहता है इसलिए मिट्टी को एक गतिशील कार्बिनक एवं खनिज पदार्थों का एक प्राकृतिक समुच्चय भी कहते है| मिट्टी में पाए जाने वाले जीव एवं सूक्ष्म जीव मिट्टी के विशेष कार्यों को प्रभावित करते हैं|

सतही मिट्टी बनाम अवमिट्टी

मिट्टियों की गहराई कुछ इंचों से लेकर सैंकड़ों तथा कभी-कभी हजारों फीट तक होती है| कृषि योग्य मिट्टी में कृषि कार्यों जैसे जुताई, गुड़ाई करने से मिट्टी की ऊपरी सतह की कुछ इंचों में परिवर्तन होता है| इन क्रियाओं के फलस्वरूप मिट्टी में दो स्पष्ट परतें बनती हैं| मिट्टी की ऊपरी परत जिसमें कृषि करते समय औजार तथा यंत्र आदि चलाते हैं, सतही मिट्टी कहलाती है| सतही मिट्टी लगभग 6 इंच गहरी होती है और अपेक्षाकृत अधिक भुरभुरी तथा गहरे रंग की होती है| सतही मिट्टी में पौधों की जड़ों की संख्या अधिक होती है| मिट्टी में कार्बिनक पदार्थ एवं पौधों को जीवन प्रदान करनेवाले पोषक तत्वों की मात्रा भी अधिक पाई जाती है साथ ही साथ इसमें सूक्ष्म जीवों की संख्या और रासायनिक एवं जैविक क्रियाएँ भी अधिक होती है|

सतही मिट्टी के नीचे की परत को अवमिट्टी कहा जाता है जिस की गहराई कुछ इंच से लेकर सैकड़ों फीट तक हो सकती है| इस परत को कणों की संरचना के आधार पर तीन भागों में बाँटा गया है| यह सतही मिट्टी की अपेक्षा हल्के रंग की तथा सख्त होती है| इसमें महीन कणों एवं लवणों की मात्रा एक समान होती है| अवमिट्टी सतही मिट्टी की अपेक्षा कम उपजाऊ होती अहि| एक सख्त अवमिट्टी में जल निकास उचित न होने पर जल भराव हो जाता है जिससे मिट्टी में हवा की कमी होने से फसलों एवं पेड़-पौधों की वृद्धि बुरी तरह प्रभावित होती है|

मिट्टी, पादप वृद्धि का एक माध्यम

पौधों की वृद्धि को प्रभावित करने वाले कारकों को तीन वर्गों में विभाजित किया गया :-

जलवायु कारक

जैव कारक

मिट्टी कारक

मिट्टी के सभी भौतिक, रासायनिक और जैविक गुण और मिट्टी में होने वाली सभी प्रक्रियाएं मिट्टी से पौधों को खनिज तत्व एवं जल प्रदान करने की क्षमता को प्रभावित करती है| वास्तव में मिट्टी पौधों की वृद्धि के लिए लगभग सभी आवश्यकताओं को पूर्ण करने में सक्षम है|

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