मिट्टी के गुण धर्म का आशय स्पष्ट किजीए
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Mitti ke utpad anek shketro me, jaise bhavan nirman tatha sazavat, prayog shala, aspatal, vidyut utpadan aur vitaran, jal nikas malniryas, pakshala, automobile tatha vayuyan aadi me kam aate he.
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मिट्टी के गुणधर्म |
Explanation:
- इस प्रश्न को नागार्जुन की फसल कविता से लिया गया है।
- इस कविता में कवि ने फसल में छिपे हुए गुणों और उसकी छुपी हुई ऊर्जा के बारे में बताया है।
- कविता में कवि समझाते हैं कि फसल में लाखों-करोड़ों हाथों का स्पर्श होता है क्योंकि जब फसल तैयार की जाती है तो उसमें अनेको मजदूरों के हाथ लगते हैं।
- फसल में कई हजारों खेतों की मिट्टी के गुणधर्म होते हैं।
- प्रत्येक प्रकार की मिट्टी विशिष्ट होती है जिनका अपना और महत्व होता है। मिट्टी के अपने गुण के कारण ही हर प्रकार की मिट्टी में फसल को नहीं हो पाया जा सकता है। फसल को विशिष्ट प्रकार की मिट्टी में ही उगाया जा सकता है और यही मिट्टी का गुण धर्म होता है।
और अधिक जानें:
फसल' कविता में "हाथों के स्पर्श की गरिमा" किसे कहा गया है?
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