मिट्टी के घडे में जल ठण्डा रहता है- क्यों?
प्रतिदिन चाउमिन, एगरोल (Eggroll), पेस्ट्री, बिरियानी इत्यादि जैसे फास्ट फु
प्रकार के खाना खाने से क्या- क्या हानि पहुंच सकता है?
प्रत्यक्ष संयोजन अभिक्रिया क्या हैं? एक उदाहरण दो
जीवों के शरीर में जल की कोई भी 3 भूमिका की व्याख्या करें।
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NQ.2504
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Answer:
मिट्टी के घड़े घड़ी में छोटे-छोटे छेद होते हैं जो नग्न आंखों से देखना संभव नहीं है। इन छोटे-छोटे सुर आंखों की वजह से हवा का प्रभाव होता रहता है ।जिसकी वजह से पानी भाप बनकर उड़ता रहता है और जिस जगह पर वह बनती हैं वह जगह शीतलता आती है इसीलिए घड़े का पानी सदैव ठंडा रहता है। यह पूरी प्रतिक्रिया सामान्य तापमान पर होती है।
प्रतिदिन चाऊमीन एग्रोल पेटी इत्यादि वस्तुएं खाने से सबसे बड़ी हानि हमारे डाइजेस्टिव सिस्टम पर होता है। यह सभी चीजें तेल से निर्मित होती हैं। तेल रिफाइंड होता है ज्यादातर । रिफाइंड हमारे अंदर जाकर हमारे लीवर इंटेस्टाइन आदि में चिपक जाता है ।और इसकी चिपकने की वजह से यह सही से बच नहीं पाता इससे हमें पेट दर्द की समस्या कब इत्यादि समस्याएं होने लगती हैं।
जिस अभिक्रिया में दो या दो से अधिक अभिकारक किसी एक उत्पाद का निर्माण करते हैं उसे संयोजन अभिक्रिया कहते हैं। उदाहरण: जब कली चूना और जल आपस में अभिक्रिया करते हैं तो बुझे चूने का निर्माण होता है। ... बुझे चूने का इस्तेमाल घरों की पुताई में होता है।
मनुष्य का 70 फ़ीसदी शरीर जल से निर्मित होता है यानी हमारे 70% शरीर को चलाने के लिए जल की आवश्यकता होती है बाकी 30% बचा हुआ इससे मैं सारा कुछ होता है। हमारे शरीर को ठंडा रखना हमारे दिमाग को ठंडा रखना । डाइजेस्टिव सिस्टम का सही से काम करना। पेट के साफ होने में दिक्कत को रोकना, हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में और बहुत से अन्य कार्य करने में जल का बहुत महत्वपूर्ण योगदान होता है।एक व्यक्ति को प्रतिदिन लगभग 8 लीटर के करीब पानी अवश्य पीना चाहिए जिससे उसका शरीर हमेशा हाइड्रेटेड बना रहे।
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