Hindi, asked by kishoriks724, 5 hours ago

मिट्टी के साथ खेलते हुए अपने बचपन के अनुभव को लिखो​

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Answered by Anonymous
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बच्चे और खिलौने का संबंध सदैव से ही रहा है। हम यह भी कह सकते हैं कि खिलौनों के बिना हम बच्चों की दुनिया की कल्पना भी नहीं कर सकते। चाहे हम बच्चों को खिलौने खरीदकर दें या न दें बच्चे अपने लिए किसी-न-किसी चीज़ (चाहे वे टूटेफूटे डिब्बे हों या इसी तरह की अन्य सामग्री) को खिलौने की शक्ल दे ही देते हैं।

बच्चों को एकदम छुटपन से ही मुंह से या खिलौनों से अजीबो-गरीब आवाजें निकाल कर हम बहलाते हैं और बच्चे बहल भी जाते हैं। यही बच्चे जैसे-जैसे बड़े होते जाते हैं, खुद भी चीज़ों को जोड़-तोड़कर खिलौने बनाने में अपनी रचनात्मक ऊर्जा का खूब इस्तेमाल करते हैं। इसलिए भी यह जरूरी हो जाता है कि बच्चों की इस रचनात्मक ऊर्जा को उभारने के लिए उन्हें भरपूर मौके दिए जाएं।

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