Hindi, asked by studylover41, 1 month ago

मुत्तुलक्ष्मी के कार्य आज भी बहुत प्रेरणाप्रद है। आपको उनके जीवन से क्या क्या | प्रेरणा मिलती है उसे आप अपने जीवन में कैसे अपनाएंगे ?


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Answered by abhiraghav4
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Explanation:

डॉक्टर मुत्तुलक्ष्मी रेड्डी (30 जुलाई 1886 -- २२ जुलाई, १९६८) भारत की पहली महिला विधायक थीं। वे ही लड़कों के स्कूल में प्रवेश लेने वालीं देश की पहली महिला थीं। इसके आलावा मुत्तुलक्ष्मी ही देश पहली महिला डॉक्टर (मेडिकल ग्रेजुएट) भी थीं। मुत्तुलक्ष्मी जीवन भर महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़तीं रहीं और देश की आज़ादी की लड़ाई में भी उन्होंने बढ़-चढ़कर सहयोग दिया।

Answered by Anonymous
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मुथुलक्ष्मी रेड्डी का जन्म 1886 में तमिलनाडू में हुआ था. जिस समय भारत पर अंग्रेज़ सरकार का राज था तब डॉक्टर रेड्डी सरकारी अस्पताल में सर्जन के तौर पर काम करने वाली पहली महिला बनीं थी. इसके साथ ही वो पहली महिला विधायक भी बनीं.

जिस दौर में मुथुलक्ष्मी रेड्डी बड़ी हो रही थीं, उस समय बाल विवाह का चलन बहुत आम था. लेकिन मुथुलक्ष्मी ने इसका विरोध किया और अपने माता-पिता को उन्हें शिक्षित करने के लिए राजी किया.

मुथुलक्ष्मी ने तमिलनाडू के महाराजा कॉलेज में पढ़ाई की, उस समय तक वह कॉलेज सिर्फ़ लड़कों के लिए ही था. इसके बाद वो मद्रास मेडिकल कॉलेज में प्रवेश लेने वाली पहली महिला छात्रा बनीं.

डॉ. रेड्डी ने मद्रास विधानसभा में काम करते हुए शादी के लिए तय उम्र को बढ़ाने की मांग की इसके साथ ही उन्होंने बच्चियों के साथ होने वाले उत्पीड़न के ख़िलाफ़ भी आवाज़ बुलंद की.

बताया जाता है कि डॉ. रेड्डी की बहन की मृत्यु कैंसर की वजह से हो गई थी, इसके बाद उन्होंने साल 1954 में चेन्नई में एक कैंसर इंस्टिट्यूट की शुरुआत की.

आज के समय में यह दुनिया के सबसे बड़े कैंसर अस्पतालों में से एक है, जहां हर साल हज़ारों कैंसर मरीज़ों का इलाज चलता है.

साल 1956 में डॉक्टर रेड्डी को उनकी सेवा और काम के लिए भारत सरकार की ओर से पद्मभूषण से नवाज़ा गया था. साल 1968 में 81 वर्ष की आयु में डॉक्टर रेड्डी का निधन हो गया था

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