Hindi, asked by prakashxetri, 9 months ago

मैं तें तोरि मोरि असमझ सों, कैसे करि निसतारा।
कहै 'रैदास' कृस्न करुणांमैं, जै जै जगत अधारा।।​

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Answered by apexndn1483
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Answered by gvlk1962
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Answer:

संत रैदास संत कबीर एवं तुलसीदास के गुरु हैं। ... यह कथन बिल्कुल सत्य है कि रैदास जी के दोहे ने सामाजिक भेदभाव को बहुत हद तक दूर किया है। वह जाति-धर्म में भेद नहीं करते थे। वे सभी मनुष्यों को एक समान समझते थे।Jul

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