'माटी वाली' के आधार पर माटी वाली का चरित्रचित्रण कीजिए
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माटी वाली बहुत महनती थी। वह टीहरी शहर में सबको चूल्हा-चौका लीपने के लिए लाल माटी लाकर देती थी। उसके अतिरिक्त यह काम कोई और नहीं करता था। सब शहर वासी उसको और उसके कंटर तक को पहचानते थे।
उसका जीवन संघर्षों से भरा हुआ था। वह बहुत गरीब थी। अगर किसी दिन वह काम नहीं करती थी तो उसे भूखा रहना पड़ता था। उसे कई बार माटी के बदले में रोटियां दी जाती थीं। वह रोटियों का हिसाब लगाती थी ताकि वह अपना और अपने बूढ़े व अशक्त पति का पेट भर सके।
वह कर्मठ, जिम्मेदार और परिश्रमी थी। वह अपने अशक्त पति का बहुत ध्यान रखती थी। उसके मन में अपने पति के लिए प्रेम, दया और करुणा थी। वह उन्हें किसी भी प्रकार का दुःख नहीं देना चाहती थी। वह जानती थी कि अगर उनको दो वक्त की रोटी मिल जाती थी उनकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहता था। उनकी इस ख़ुशी को बनाये रखना उसके जीबन का लक्ष्य था।
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Answer:
mati wali ek harzan samaj ki mahila thi wah bahut garib thi wah saher me sabke ghar ghar mitti le ja kar bechti thi or paose kamati thi uska pati booda aur bimar tha isliye wah kam nahi kar sakta tha isiliye sara kaam mati wali ko hi karna patda tha...
HOPE IT HELPS YOU