माटी वाली को अपने भाग्य के बारे में सोच्ने का समय क्यों नहीं था
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kyoki vh itna kaam krti thi ki uske pass itna samey nhi hota tha ki vh apne bhagey k baare m soche vh sabhi k gharo m jakar mati dene jati thi or agar vh mati dene nhi jati thi to sabhi ghar k logo ko chula jalana mushkil ho jata tha.
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माटी वाली के पास अपने भाग्य के बारे में सोचने का समय नहीं था , क्योंकि उसके पास सबसे बड़ी मज़बूरी थी अपना और अपने बूढ़े पति का पेट भरना ।
माटी वाली कहानी एक वृद्ध महिला की है , जो टिहरी शहर के पास रहती है । उसका पति बूढ़ा है । वह अब काम नहीं कर सकता ।
माटी वाली की रोजी रोटी का साधन सिर्फ माटीखाना है ।
वह रोज कमाती है तथा रोज खाती है ।
अब उसका अपने पति के लिए स्नेह वात्सल्य प्रेम में बदल गया है ।
एक दिन वह घर लौटती है और पाती है की उसका पति मृत है ।
तभी शहर में बाढ़ आ जाती है और उसका घर खली करा दिया जाता है । उसके पास अब कुछ नहीं बचा सिवाय रोने के ।
#Have A Great Future Ahead !!
माटी वाली कहानी एक वृद्ध महिला की है , जो टिहरी शहर के पास रहती है । उसका पति बूढ़ा है । वह अब काम नहीं कर सकता ।
माटी वाली की रोजी रोटी का साधन सिर्फ माटीखाना है ।
वह रोज कमाती है तथा रोज खाती है ।
अब उसका अपने पति के लिए स्नेह वात्सल्य प्रेम में बदल गया है ।
एक दिन वह घर लौटती है और पाती है की उसका पति मृत है ।
तभी शहर में बाढ़ आ जाती है और उसका घर खली करा दिया जाता है । उसके पास अब कुछ नहीं बचा सिवाय रोने के ।
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