माटी वाली के पास अपने अच्छे या बुरे भाग्य के बारे में ज़्यादा सोचने का समय क्यों नहीं था?
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उत्तर :
माटी वाले के पास अपने अच्छे या बुरे भाग्य के बारे में ज्यादा सोचने का समय इसलिए नहीं था क्योंकि वह सारा दिन अपने काम में लगी रहती थी। माटी वाले का गांव टिहरी नगर से बहुत दूर था कि उसे वहां पहुंचने में कम से कम एक घंटा अवश्य लगता था इतना ही समय उसे अपने घर जाने में लगता था। वह पूरा दिन माटाखान से खोद खोदकर लाल मिट्टी अपने कंटर में डालती थी और फिर उसे अपने सिर पर रखकर घर-घर जाकर बेचती थी।एक दिन एक घर की मालकिन ने माटी वाले को भाग्यवान कहा तो वह सोचती है कि वह भाग्यवान किस प्रकार हुई उसके भाग्य में तो हमेशा काम करना लिखा है अगर वह काम नहीं करेगी तो भूखे मरने की नौबत आ जाएगी। उसके पास तो अपने बूढ़े पति के लिए खाने पीने की चीजें भी नहीं थी। पूरे टिहरी नगर में वह अकेली ही थी जो लाल मिट्टी घर घर पहुंचाती थी। अति व्यस्तता के कारण उसके पास ज्यादा सोचने का समय ही नहीं था।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।
माटी वाले के पास अपने अच्छे या बुरे भाग्य के बारे में ज्यादा सोचने का समय इसलिए नहीं था क्योंकि वह सारा दिन अपने काम में लगी रहती थी। माटी वाले का गांव टिहरी नगर से बहुत दूर था कि उसे वहां पहुंचने में कम से कम एक घंटा अवश्य लगता था इतना ही समय उसे अपने घर जाने में लगता था। वह पूरा दिन माटाखान से खोद खोदकर लाल मिट्टी अपने कंटर में डालती थी और फिर उसे अपने सिर पर रखकर घर-घर जाकर बेचती थी।एक दिन एक घर की मालकिन ने माटी वाले को भाग्यवान कहा तो वह सोचती है कि वह भाग्यवान किस प्रकार हुई उसके भाग्य में तो हमेशा काम करना लिखा है अगर वह काम नहीं करेगी तो भूखे मरने की नौबत आ जाएगी। उसके पास तो अपने बूढ़े पति के लिए खाने पीने की चीजें भी नहीं थी। पूरे टिहरी नगर में वह अकेली ही थी जो लाल मिट्टी घर घर पहुंचाती थी। अति व्यस्तता के कारण उसके पास ज्यादा सोचने का समय ही नहीं था।
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माटी वाली के पास अपने भाग्य के बारे में सोचने का समय नहीं था , क्योंकि उसके पास सबसे बड़ी मज़बूरी थी अपना और अपने बूढ़े पति का पेट भरना ।
माटी वाली कहानी एक वृद्ध महिला की है , जो टिहरी शहर के पास रहती है । उसका पति बूढ़ा है । वह अब काम नहीं कर सकता ।
माटी वाली की रोजी रोटी का साधन सिर्फ माटीखाना है ।
वह रोज कमाती है तथा रोज खाती है ।
अब उसका अपने पति के लिए स्नेह वात्सल्य प्रेम में बदल गया है ।
एक दिन वह घर लौटती है और पाती है की उसका पति मृत है ।
तभी शहर में बाढ़ आ जाती है और उसका घर खली करा दिया जाता है । उसके पास अब कुछ नहीं बचा सिवाय रोने के ।
#Have A Great Future Ahead !!
माटी वाली कहानी एक वृद्ध महिला की है , जो टिहरी शहर के पास रहती है । उसका पति बूढ़ा है । वह अब काम नहीं कर सकता ।
माटी वाली की रोजी रोटी का साधन सिर्फ माटीखाना है ।
वह रोज कमाती है तथा रोज खाती है ।
अब उसका अपने पति के लिए स्नेह वात्सल्य प्रेम में बदल गया है ।
एक दिन वह घर लौटती है और पाती है की उसका पति मृत है ।
तभी शहर में बाढ़ आ जाती है और उसका घर खली करा दिया जाता है । उसके पास अब कुछ नहीं बचा सिवाय रोने के ।
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