‘माटी
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Answers
'माटी वाली' कहानी में एक बूढ़ी माटी वाली के माध्यम से लेखक ने किस समस्या को उठाया और उसका क्या परिणाम हुआ ?
उत्तर : ‘माटी वाली’ कहानी में एक बूढ़ी माटी वाली के माध्यम से लेखक ने विस्थापन की समस्या को उठाया है लेखक में उस विस्थापन समस्या को पेश किया है, जो विकास के नाम पर गरीब लोगों को झेलनी पड़ती है। सरकार नदी के आसपास या अन्य कई जगहों पर विकास के नाम पर बड़े-बड़े परियोजनाएं चलाती है और जिसके कारण उस जगह पर रहने वाले लोगों को विस्थापित होकर दर-दर भटकना पड़ता है। उन्हें ना तो अपनी जगह का मुआवजा समय पर मिल पाता है और ना ही कोई उनका पुनर्वास हो पाता है। जिस कारण उनकी शांत-सुकून वाली जिंदगी में हलचल आ जाती है। लेखक ने इन्हीं लोगों की व्यथा को इस कहानी के माध्यम से व्यक्त किया है।
लेखक में कहानी में एक बूढ़ी मिट्टी बेचने वाली बूढ़ी स्त्री को अपनी कहानी का आधार बनाया है। जिसके पास अपनी कोई जमीन तो ना थी और वह गाँव के ही एक ठाकुर की जमीन पर अपनी झोपड़ी बनाकर रहती है और मिट्टी बेच कर अपना गुजारा करती है। गाँव के पास नदी पर बाँध बनाए जाने के कारण पूरे गाँव को विस्थापित होना पड़ता है और माटी वाली को भी विस्थापित होना पड़ता है। इसी बीच उसके पति की मृत्यु हो जाती है। बाँध के कारण बाढ़ आ जाने के कारण सारा क्षेत्र जलमग्न हो चुका है और वह बूढ़ी माटी वाली अपने पति का अंतिम संस्कार तक नहीं कर पा रही।
लेखक का कहने का तात्पर्य यह है कि विकास की अंधी दौड़ में हमेशा गरीब लोग ही पिसते हैं और उन्हीं का शोषण होता है। बड़े-बड़े विकास का फायदा अमीर लोग उठा जाते हैं, लेकिन गरीब लोगों का जीवन छिन्न-भिन्न हो जाता है और उनका सब कुछ नष्ट हो जाता है। इस कहानी में बूढ़ी माटी वाली के साथ भी यही हुआ। उसका पूरा जीवन छिन्न-भिन्न हो गया।